भारत माता कविता का केंद्रीय भाव स्पष्ट कीजिएसुमित्रानंदन पंत द्वारा लिखित बीएससी फाइनल ईयर की भारत माता कविता पाठ का केंद्रीय भाव स्पष्ट कीजिए
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भारत माता कविता का केंद्रीय भाव स्पष्ट कीजिए सुमित्रानंदन पंत द्वारा लिखित
भारत माता ग्रामवासिनी कविता कवि ‘सुमित्रानंदन पंत’ द्वारा लिखी गई है | कवि ने कविता में भारत और भारतवासियों की दशा का वर्णन करती है।
भारत माता की आत्मा गाँव में निवास करती है | वह गाँव के लोगों भूखा , नंगा नहीं देख सकते है | भारत माता अपनी संतानों को दुखी नहीं देख सकती है | भारत माता लोगों दुखी देखकर के आँसू जल के रूप में बहाती है | भारत माता हर घर में बसती है | हर गाँव में भारत माता है | गाँव में अभी खुशिहाली आना बाकी | करोड़ो लोगग अभी भूखे है , यह देखकर भारत माता बहुत दुखी है | भारत की धरती बहुत उपजाऊ | जो लोग गरीब है , उनके पास धन नहीं है वह उदास हो जाते है |
लवी को उम्मीद है कि सत्य अहिंसा और तप के रास्ते में चलने पर वह अवश्य सफल हो जाएँगे | हमें अपनी भारत माता की रक्षा और सेवा करनी चाहिए |
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भारत माता कविता का केंद्रीय भाव स्पष्ट कीजिए