भारत में देसी रजवाड़ो के एकीकरण मे सरदार पटेल द्वारा
निभाई भूमिका का उचित मूल्यांकन करें।
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भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल ने स्वतंत्रता के पश्चात् भारत की एकजुटता के लिए पुरजोर तरीके से पूरी मज़बूती के साथ काम किया। जिससे एक नए राष्ट्र का उदय हुआ। देश की एकता की
रक्षा करने के समक्ष कई चुनौतियां स्पष्ट रूप से विद्यमान थीं। सरदार पटेल ने लाजवाब कौशल के साथ इन चुनौतियों का सामना करते हुए देश को एकता के सूत्र में बांधने के कार्य को पूरा किया और एकीकृत भारत के शिल्पकार के
19रूप में पहचान हासिल की। ऐसे में 31 अक्टूबर के दिन उनकी बहुमूल्य विरासत का जश्न मनाने के लिए देश उनकी जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाता है।
हाल के वर्षों में इस जश्न को आगे बढ़ाते हुए, इस वर्ष राष्ट्रीय एकता दिवस और अधिक व्यापक में आयोजित होने जा रहा है। इस दिन को भारत के इतिहास में सरदार पटेल की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करने के लिए देश की एकता की शपथ लेने, जन अभियान चलाने, अर्द्धसैनिक मार्च पास्ट, रन फॉर यूनिटी, पोस्टर और प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता और प्रदर्शनियों के रूप में चिन्हित किया जाएगा।
इस अवसर पर राष्ट्रीय स्तर के साथ-साथ देशभर में समारोह आयोजित किए जाएंगे। केन्द्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने इस अवसर पर कार्यक्रम आयोजित करने के संबंध में उपयुक्त व्यवस्था करने के लिए राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा है। यह अवसर वाकई काफी पवित्र है, क्योंकि देश को न सिर्फ भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के साहसी व्यक्ति के प्रति सम्मान व्यक्त करना है, बल्कि इसी समय पर नई पीढ़ी को उनके बारे में शिक्षित एवं जागरूक भी करना है।
सरदार भारत के राजनीतिक एकीकरण के पिता रूपी नायक का नाम था। उन्होंने भारतीय संघ में कई छोटे राज्यों के विलय की व्यवस्था की। उनके मार्गदर्शन और सशक्त निश्चय के अंतर्गत कई राज्य संयुक्त रूप से बड़ी संस्थाओं में तब्दील होने के बाद भारतीय संघ में शामिल हुए। क्षेत्रवाद ने राष्ट्रवाद का मार्ग प्रशस्त किया, क्योंकि उन्होंने लोगों से बड़ा सोचने और मज़बूत बनने का आह्वान किया। आज भारत का प्रत्येक हिस्सा आज़ादी के बाद के शुरुआती दिनों में सरदार पटेल द्वारा किए गए कार्य का महोत्सव मनाता है।
राष्ट्रीय राजधानी में राष्ट्रीय एकता दिवस का शुभारंभ संसद मार्ग स्थित सरदार पटेल चौक पर स्थित सरदार पटेल की प्रतिमा पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा पुष्पांजलि अर्पित कर होगा। इसके बाद प्रधानमंत्री मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में ‘रन फॉर यूनिटी’ को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे, जिसमें करीब 15,000 छात्र और पूर्व सैनिक, सुप्रसिद्ध एथलीट एवं एनएसएस स्वयंसेवकों सहित विभिन्न क्षेत्रों के लोग हिस्सा लेंगे। रन फॉर यूनिटी को हरी झंडी दिखाने के दौरान सुश्री पीवी सिंधु (बैडमिंटन), सुश्री मिताली राज (क्रिकेट) और सरदार सिंह (हॉकी) सहित खेल के क्षेत्र की विभिन्न जानी-मानी हस्तियां मौजूद रहेंगी।