भारत में उपभोक्ता आंदोलन की प्रगति की समीक्षा करें ।
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हाल में, भारत में उपभोक्ता दलों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है। इन सभी प्रयासों के परिणामस्वरूप यह आंदोलन वृहत् स्तर पर उपभोकताओं के हित के खिलाफ और अनुचित व्यावसायिक कंपनियो और सरकार दोनों पर दबाव डालने में सफल हुआ। 1986 में भारत सरकार द्वारा एक बड़ा कदम उठाया गया।
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