Business Studies, asked by yadavanokhilal00, 2 months ago

भारत में उपभोक्ता न्यायालय के गठन उद्देश्य एवं शक्तियों की विवेचना कीजिए​

Answers

Answered by meghnachatterjee119
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Answer:

उपभोक्ताओं को पदार्थ की गुणवत्ता, मात्र, शुद्धता, मानक एवं मूल्य के प्रति संरक्षण सुनिश्चित करना तथा अनुचित व्यापारिक व्यवहार से सुरक्षा। (ग) प्रतियोगी मूल्यों पर वस्तुओं को उपलब्ध कराने की व्यवस्था। (घ) उचित फोरम पर उपभोक्ताओं के हितों का सरंक्षण।

Answered by marishthangaraj
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भारत में उपभोक्ता न्यायालय के गठन उद्देश्य एवं शक्तियों की विवेचना कीजिए​.

स्पष्टीकरण:

  • भारत का संविधान कहता है कि भारत एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक और गणतंत्रीय राज्य है.
  • संविधान के उद्देश्य: यह उद्देश्यों को इस रूप में देता है: न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व.
  • उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1956 के तहत स्थापित एक उपभोक्ता न्यायालय, भारत में एक विशेष उद्देश्य अदालत है जो उपभोक्ता शिकायतों और शिकायतों से संबंधित मामलों से निपटती है.
  • उपभोक्ता अदालत का उद्देश्य उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा करना है.
  • उपभोक्ता न्यायालय भारत में एक विशेष उद्देश्य अदालत है जो उपभोक्ता विवादों, संघर्षों और शिकायतों से संबंधित मामलों से निपटती है.
  • उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा के लिए सरकार द्वारा स्थापित न्यायपालिका की सुनवाई होती है.
  • इसका मुख्य कार्य विक्रेताओं द्वारा उचित प्रथाओं और अनुबंधों को बनाए रखना है.
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