भारत में उद्योग की आदर्श अवस्थिति क्या है
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bhut hi khrab h kyu ki aaj ke samaye me industries bhut jada h jis ke karan bhut hi pollution hamare charo traf fal hua h
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भारत में सूती वस्त्रोद्योग लगभग 100 नगरों में वितरित है, फिर भी इसके प्रमुख केंद्र पंचभुज प्रदेश के अंतर्गत हैं। इस पंचभुज के पाँच बिंदु- अहमदाबाद, मुंबई, शोलापुर, नागपुर और इंदौर-उज्जैन हैं। इनमें से चार गुजरात एवं महाराष्ट्र जैसे तटवर्ती राज्यों में स्थित हैं। अन्य तटीय राज्यों जैसे— कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल में भी सूती वस्त्रों का उत्पादन किया जाता है।
देश में सूती वस्त्रोद्योग में महाराष्ट्र और गुजरात अग्रणी राज्य हैं। अकेले महाराष्ट्र में भारत का 38% कपड़ा तथा 30% सूत तैयार किया जाता है। यहाँ कुल 119 मिलें हैं जिनमें लगभग 3 लाख श्रमिक कार्य करते हैं। इस राज्य का सबसे बड़ा केंद्र ‘मुंबई’ है जिसे ‘कपास का विराट नगर’ कहा जाता है। गुजरात इस क्षेत्र में दूसरा प्रमुख राज्य है जहाँ इस उद्योग की 118 मिलें स्थापित हैं, अकेले अहमदाबाद में 67 मिलें सूती वस्त्रों का उत्पादन करती हैं जो कि अहमदाबाद को गुजरात का सबसे बड़ा और मुंबई के बाद भारत का दूसरा प्रमुख सूती वस्त्र उत्पादक केंद्र बनाती हैं। इसके अतिरिक्त पश्चिम बंगाल के कोलकाता, तमिलनाडु के कोयम्बटूर, आंध्र प्रदेश के हैदराबाद, केरल तथा कर्नाटक राज्यों में भी इस उद्योग का विकास हुआ है। देश के अन्य तटीय राज्यों की अपेक्षा महाराष्ट्र और गुजरात में इस उद्योग का अधिक विकास हुआ है। जिसके प्रमुख कारणों में-
दोनों राज्यों में आर्द्र जलवायु पाई जाती है जो कि वस्त्र उद्योग के लिये आदर्श है।
मुंबई एक महत्त्वपूर्ण बंदरगाह है जिससे भारी मशीनें तथा लंबे रेशे वाला कपास आयात करने में कठिनाई नहीं होती, वहीं अहमदाबाद भारत के सभी भागों से यातायात के साधनों द्वारा जुड़ा हुआ है, जिससे यहाँ का माल आसानी से अन्य क्षेत्रों में बेचा जा सकता है।
सस्ती जलविद्युत की उपलब्धता के साथ ही सस्ते और कुशल श्रमिक भी आसानी से मिल जाते हैं।
जहाँ मुंबई के सूती वस्त्रों की भारत तथा विदेशों में बड़ी मांग है वहीं, अहमदाबाद के कारखानों में निर्मित लट्ठा और धोती जैसे सूती वस्त्रों की भारत तथा अन्य निर्धन देशों में विशेष मांग रहती है।
यद्यपि उपरोक्त सभी विशेषताएँ देश के अन्य तटवर्ती राज्यों में भी पाई जाती हैं लेकिन एक विशेषता जो इन दोनों राज्यों में इस उद्योग के अधिक विकसित होने का सर्वाधिक प्रमुख कारण है, वह है- कच्चे माल की सुगमता से प्राप्ति। वस्तुतः दोनों राज्यों की पृष्ठभूमि में काली मिट्टी पाई जाती है जो कि कपास उत्पादन के लिये आदर्श एवं आवश्यक तत्त्व है।
उपर्युक्त विश्लेषण के आधार पर कहा जा सकता है कि महाराष्ट्र एवं गुजरात सूती वस्त्र उत्पादन के क्षेत्र में अग्रणी राज्य है।