Geography, asked by rajkumarpachawal, 8 hours ago

भारत में उद्योगों की स्थिति को प्रभावित करने वाले किन्हीं पांच कारकों का वर्णन कीजिए​

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Answered by rohit130018
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Answer:

उद्योगों की अवस्थिति अनेक कारकों से प्रभावित होती है। इनमें कच्चे माल की उपलब्धि, ऊर्जा, बाज़ार, पूंजी, परिवहन, श्रमिक आदि प्रमुख हैं। ... परिवहन लागत, काफी हद तक कच्चे माल और निर्मित वस्तुओं के स्वरूप पर निर्भर करती है।

Answered by shishir303
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भारत में उद्योगों की स्थिति को प्रभावित करने वाले पाँच कारक इस प्रकार हैं...

  1. कच्चे माल की उपलब्धता :  भारत में उद्योगों को स्थिति को प्रभावित करने वाले कारकों में कच्चा माल एक प्रमुख कारक है। सामान्यतः कोई भी उद्योग वहीं स्थापित किया जाता है, जहाँ पर उस उद्योग से संबंधित कच्चे माल की सरलता से उपलब्ध होती है। कच्चे माल वाले जगह से अधिक दूर उद्योग स्थापित करने पर परिवहन की लागत बढ़ जाती है और उत्पाद के मूल्य में वृद्धि होती है।
  2. शक्ति अथवा ऊर्जा : किसी भी उद्योग को चलाने के लिए मशीनों की आवश्यकता होती है, जो कि किसी प्रकार की शक्ति या ऊर्जा से चलती है। यह ऊर्जा कोयला, पेट्रोलियम, विद्युत, प्राकृतिक गैस, परमाणु ऊर्जा आदि के रूप में प्राप्त होती है। इसी कारण उद्योग को उसी जगह स्थापित किया जाता है, जहाँ ऊर्जा प्रचुर मात्रा में आसानी से उपल्ब्ध हो सके।
  3. श्रम : सस्ता एवं कुशल श्रम किसी भी उद्योग की सफलता का एक प्रमुख कारण है। उद्योग की स्थापना ऐसी जगह होनी चाहिए, जहाँ पर सस्ता एवं कुशल श्रम आसानी से उपलब्ध हो सके।
  4. परिवहन एवं संचार : कच्चे माल को उद्योग केंद्र तक लाने तथा फिर तैयार माल को खपत केंद्र तक पहुंचाने के लिए सरल, सुगम परिवहन उद्योग की सफलता का एक प्रमुख कारक होता है। तैयार माला यदि समय पर खपत केंद्र तक पहुंचेगा तो उद्योग को रफ्तार मिलती रहती है। इसलिए उद्योग की सफलता के लिए सुगम एवं कुशल परिवहन बेहद आवश्यक है।
  5. बाजार : किसी भी उद्योग का अंतिम लक्ष्य उपभोक्ता होता है। उत्पादक और उपभोक्ता  के बीच बाजार एक माध्यम का कार्य करता है। तैयार माल समय पर बाजार तक पहुँच सके और उसकी तुरंत खपत हो सके, इसके लिए कुशल विपणन की आवश्यकता होती है।

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