भारत में विकास के दो गंभीर नकारात्मक पर्यावरण प्रभावों को उजागर करें। भारत की पर्यावरण समस्याओं में एक विरोधाभास है - एक तो यह निर्धनताजनित है और दूसरे जीवन-स्तर में संपन्नता का कारण भी है। क्या यह सत्य है?
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Answer:
भारत में विकास के दो गंभीर नकारात्मक पर्यावरण प्रभाव वैश्विक उष्णता और ओज़ोन क्षय है।
वैश्विक उष्णता :
वैश्विक उष्णता पृथ्वीव और समुद्र के वातावरण के औसत तापमान वृद्धि को कहते हैं। वैश्विक उष्णता औद्योगिक क्रांति से ग्रीन हाउस गैसों में वृद्धि के परिणाम स्वरूप पृथ्वी के निचले वायुमंडल के औसत तापमान में क्रमिक बढ़ोतरी है।
ओज़ोन क्षय :
ओज़ोन क्षय का अर्थ समताप मंडल में ओज़ोन की मात्रा की कमी है।
यह विरोधाभास सही है कि भारत में पर्यावरण समस्याओं में एक विरोधाभास पाया जाता है।
एक तो यह निर्धनताजनित है और दूसरे जीवन-स्तर में संपन्नता का कारण भी है क्योंकि एक ओर तो यह निर्धनता को जन्म देती है और अधिक पर्यावरण संसाधनों के प्रयोग से जीवन स्तर को संपन्न बनाती है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी अवश्य मदद करेगा।।।।
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