Science, asked by kisorasena2, 1 month ago

भारत में यूरोपीय व्यापारिक कंपनियों के बीच आपसी प्रतिस्पर्धा का प्रमुख कारण क्या है​

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Answered by ratanlaljanagal1973
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यूरोपीय व्यापारिक कम्पनियों के मध्य प्रतिस्पर्धा के प्रमुख कारण निम्नलिखित थे –

Explanation:

1. अधिक मुनाफा अर्जित करना और राजनीतिक प्रभुत्व में वृद्धि करने की नीति।

2. एक-दूसरे को मात देने के लिए कम से कम मूल्य पर भारतीय माल क्रय करने का प्रयास करना।

3. बाजार पर अपना प्रभुत्व स्थापित करने की इच्छा।

4. व्यापार पर नियन्त्रण स्थापित करने के लिए राजनीतिक सत्ता स्थापित करने का सपना देखना। .

भारत में यूरोपीय व्यापारिक कंपनियों के आगमन से जुड़े तथ्‍य

भारत के समुद्र के रास्तों की खोज 15वीं सदी के अन्त में हुई जिसके बाद यूरोपीयों का भारत आना आरंभ हुआ. हालांकि यूरोपीय भारत के अलावा भी बहुत स्थानों पर अपने उपनिवेश बनाने में कामयाब हुए पर इनमें से कइयों का मुख्य आकर्षण भारत ही था.

भारत के समुद्र के रास्तों की खोज 15वीं सदी के अन्त में हुई जिसके बाद यूरोपीयों का भारत आना आरंभ हुआ. हालांकि यूरोपीय भारत के अलावा भी बहुत स्थानों पर अपने उपनिवेश बनाने में कामयाब हुए पर इनमें से कइयों का मुख्य आकर्षण भारत ही था.

(1) 20 मई, 1498 ई. में वास्कोडिगामा ने भारत के पश्चिमी तट पर स्थित कालीकट बन्दरगाह पहुंचकर भारत एवं यूरोप के बीच नए समुद्री मार्ग की खोज की.

(2) 1505 ई. में फ्रांसिस्को द अल्मोडा भारत में प्रथम पुर्तगाली वायसराय बनकर बनकर आया.

(3) 1509 ई. में अलफांसो द अल्बुर्क भारत में पुर्तगालियों का वायसराय बना.

(4) अल्बुकर्क ने 1510 ई. में बीजापुर के युसुफ आदिल शाह से गोवा को जीता.

(5) पुर्तगालियों ने अपनी पहली व्यापारिक कोठी कोचीन में खोली.

6) 1596 ई. में भारत आनेवाला प्रथम डच नागरिक था- कारनेलिस डॅहस्तमान.

(7) डचों को भारत में अन्तिम रूप से पतन 1759 ई. को अंग्रेजों एवं डचों के मध्य हुए वेदरा युद्ध से हुआ.

(8) 31 दिसम्बर, 1600 ई. को इंग्लैण्ड की रानी एलिजाबेथ प्रथम ने ईस्ट इंडिया कम्पनी को अधिकार पत्र प्रदान किया.

(9) प्रारंभ में ईस्ट इंडिया कम्पनी में 217 साझीदार थे और पहला गवर्नर टॉमस स्मिथ था.

(17) भारत में फ्रांसीसियों की प्रथम कोठी फैंको कैरों के द्वारा सूरत में 1668 ई. में स्थापित की गई.

(18) 1674 ई. में फ्रांसिस मार्टिन ने पांडिचेरी की स्थापना की.

(19) प्रथम कर्नाटक युद्ध 1746-48 ई. में आस्ट्रिया के उत्तराधिकार युद्ध से प्रभावित था. 1748 ई. में हुई ए-ला शापल की संधि के द्वारा ऑस्ट्रिया का उत्तराधिकार युद्ध समाप्त हो गया और इसी संधि के तहत प्रथम कर्नाटक युद्ध समाप्त हुआ.

(20) दूसरा कर्नाटक युद्ध 1749-1754 ई. में हुआ. इस युद्ध में फ्रांसीसी गवर्नर डूप्ले की हार हुई. उसे वापस बुला लिया गया और उसकी जगह पर गोडेहू को भारत में अगला फ्रांसीसी गवर्नर बनाया गया. पांडिचेरी की संधि (जनवरी, 1755 ई.) के साथ युद्धविराम हुआ.

(21) कर्नाटक का तीसरा युद्ध 1756-1763 ई. के बीच हुआ जो 1756 ई. में शुरू हुए सप्तवर्षीय युद्ध का ही एक अंश था. पेरिस की संधि होने पर यह युद्धसमाप्त हुआ.

(22) 1760 ई. में अंग्रेजी सेना ने सर आयरकूट के नेतृत्व में वांडिवाश की लड़ाई में फ्रांसीसियों को बुरी तरह हराया.

(23) 1761 ई. में अंग्रेजों ने पांडिचेरी को फ्रांसीसियों से छीन लिया.

(24) 1763 ई. में हुई पेरिस संधि के द्वारा अंग्रेजों ने चन्द्रनगर को छोड़कर शेष अन्य प्रदेशों को लौटा दिया, जो 1749 ई. तक फ्रांसीसी कब्जे में थे, ये प्रदेश भारत की आजादी तक फ्रंसीसियों के कब्जे में रहे.

Answered by luckychhaniwala
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