Hindi, asked by suyanshpatidar34651, 11 months ago

भारत महिमा के प्रश्न उत्तर

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Answered by shailajavyas
63

Answer:  

भ्रारत महिमा के प्रश्नोत्तर : 1) कहीं से हम आए थे नहीं ____

"भारत महिमा "जयशंकर प्रसाद की लिखी हुई देशभक्ति पूर्ण कविता है ।

इन पंक्तियों में कवि ने भारत भूमि तथा उसके रहवासियों का अखंड संबंध दर्शाते हुए

लिखा है कि यह भारत भूमि आदिकाल से हमारी मातृभूमि है । यही हमारी जन्मभूमि है । इसी  नैसर्गिक वातावरण में हमारा लालन-पालन हुआ है । किसी को लूट कर या छीन कर हमने इस भारतवर्ष को अपना आवास नहीं बनाया अपितु हम इसी भारतवर्ष की संतान है । यह हमारा प्यारा देश  है ।

2) वही हम दिव्य आर्य संतान -----

देश भक्ति के भाव से ओतप्रोत "भारत महिमा "नामक जयशंकर प्रसाद की इस कविता में भारतीय सपूतों का गुणगान किया गया है । इसके अंतर्गत कवि ने दर्शाया है कि हमारे पूर्वज शक्ति संपन्न होने पर भी विनम्रता से परिपूर्ण थे । उनकी गौरव-गरिमा इसी बात से पता चलती है कि उन्होंने दीन-हीन लोगों की सहायता की । दान के लिए संग्रह करना, अतिथियों का सदैव सत्कार करना, जैसे दिव्य गुणों का उन्होंने अनुसरण किया था । उन्हीं का रक्त हमारी रगों में दौड़ता है । ये ही हमारा देश है और वही हमारी हिम्मत है । हममें अब भी वही बल - बुद्धि और तेज है हम उन्हीं दिव्य आर्यों की संतान है ।

उचित जोड़ियां मिलाइए

संचय- दान

सत्य- वचन  

अतिथि -देव

रत्न - तेज

कविता में प्रयुक्त दो धातुओं के नाम लिखिए

लोहा

स्वर्ण

भारतीय संस्कृति की दो विशेषताएं

१) हमने  सदैव अतिथियों का सत्कार किया है ये हमारी संस्कृति की विशेषता है ।

२) हमारे हृदय में तेज वचन में सत्य तथा प्रतिज्ञा निभाने की टेव का तथा हमें हमारे अतीत का गर्व है ।  ये हमारी संस्कृति की विशेषता है  -

पसंदीदा पंक्तियों का भावार्थ    

हिमालय के आंगन में _-- और पहनाया हीरक हार  

भारत देश हिमालय के आंगन के समान है : |प्रतिदिन उषा भारत को सूर्य की किरणों का उपहार देती है मानो हंसकर भारत भूमि का अभिनंदन कर रही हो |ओस की बूंदों पर जब प्रातः कालीन सूर्य की रश्मियां पड़ती है तो उसकी बूंदे चमकने लगती है और प्रतीत होता है मानो  उषा ने भारत को हीरो का हार पहना दिया हो।

5) निम्नलिखित मुद्दों के आधार पर पद्य विश्लेषण कीजिये |

रचनाकार का नाम - जयशंकर प्रसाद

रचना की विधा- कविता

पसंद की पंक्तियां - व्योमतम पुंज हुआ तब नष्ट  

                             अखिल संसृती हो उठी अशोक

पंक्तियां पसंद होने का कारण -हम भारतीयों ने पूरे विश्व में ज्ञान का प्रसार किया  |जिसके कारण समग्र संसार आलोकित हो गया अज्ञान रूपी अंधकार का विनाश हुआ और संपूर्ण सृष्टि के सभी दुख एवं शोक दूर हो गए ।

रचना से प्राप्त संदेश या प्रेरणा -   हमें सदैव अपने देश और इसकी संस्कृति पर गर्व करना चाहिए | जब भी आवश्यकता पड़े देश के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर देने के लिए तत्पर रहना चाहिए ।

Answered by sharmarohitash625
11

Answer:

prashna taiyar Kijiye first Abhinandan

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