'भारत महिमा' कविता के आधार पर 'भारत देश की विविधता में एकता' को उल्लिखित कीजिए।
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भारत महिमा " जयशंकर प्रसाद की लिखी हुई ... यह हमारा प्यारा देश है । ... 5) निम्नलिखित मुद्दों के आधार पर ...
Missing: विविधता एकता'
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भारत महिमा कविता श्री जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित है।
Explanation:
- भारत महिमा कविता के माध्यम से कवि जयशंकर प्रसाद कहना चाहते हैं कि हमें भारतीय होने पर गर्व होना चाहिए।
- हम भारतीय लोगों के वचन में सत्यता, ह्रदय में तेज, संचय में था दान, अतिथि थे सदा हमारे देव। हमारे रक्त एक,देश एक,साहस एक।
- वैसे ही ज्ञानी, वही शान्ति, वही शक्ति,जो हम दिव्य आर्य संतानों में था।
- चीन जैसे देश को हमीं से धर्म की दृष्टि मिली।जातयों का उत्थान पतन होता रहा पर हम हिन्द निवासी गर्व से कहते हम है भारतीय।
- हमने प्रचंड हवाओं को भी देखा,प्रलय को झेलते हुए वीरों को भी देखा। यहां के वीरों में शक्ति थी, वाणी में नम्रता और ह्रदय सदा गर्व से गौरवान्वित रहता था।
- जीने की कल्पना भी और सब कुछ न्यौछावर करने का संकल्प भी इस भारतवर्ष के लिए था।
- हम भारतीयों ने न तो किसी का कुछ छीना था,न मांगा था। यहां के सम्राट भी भिक्षुक होकर रहते थे।
- दधीचि जैसे ऋषि का त्याग भी था,और हमारी जातीयता का विकास भी।
- संगीत के सातों स्वर सातों समुद्र में उठे थे तब हमारे साम वेद का धुन छिङा था।
- कवि के कहने का तात्पर्य यही है कि एक माला में भले ही बेला,गुलाब, जूही, चंपा, चमेली, जैसे अनेक फूल हो पर जैसे माला एक, हिंद देश के निवासी भी एक, चाहे उनका रंग रूप, वेशभूषा भले ही अनेक हो।
- वैचारिक भिन्नता भले ही हो मगर हृदय सिर्फ देश के लिए धङकता है।
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