भारतेन्दु युग का काल-निर्धारण कीजिए ।
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भारतेन्दु युग का काल-निर्धार
आधुनिक हिंदी काव्य के प्रथम चरण को "भारतेन्दु युग" कहा जाता है। भारतेन्दु हरिश्चंद्र को हिन्दी साहित्य के आधुनिक युग का प्रतिनिधि माना जाता है। इस काल में निबंध, नाटक, उपन्यास तथा कहानियों की रचना हुई।
इस भारतेन्दु युग का श्रेय भारतेन्दु हरिश्चन्द्र को जाता है। इस लिए इस युग को भारतेन्दु युग भी कहते हैं। भारतेन्दु के पहले ब्रज भाषा में भक्ति और श्रृंगार परक रचनाएँ होती थीं और लक्षण ग्रंथ भी लिखे जाते थे।
भारतेन्दु के समय से काव्य के विषय चयन में व्यापकता और विविधता आई। राष्ट्र-प्रेम, भाषा-प्रेम और स्वदेशी वस्तुओं के प्रति प्रेम कवियों के मन में भी पैदा होने लगा। इस प्रकार उन्होंने सामाजिक राजनीतिक क्षेत्रों में गतिशील नवजागरण को अपनी रचनाओं के द्वारा प्रोत्साहित किया।