भारत और चीन के बीच विवाद के मामलों की पहचान करें और बताएं कि वृहत्तर सहयोग के लिए इन्हें कैसे निपटाया जा सकता है I अपने सुझाव भी दीजिए I
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भारत और चीन के बीच अनेक तरह के विवाद हैं जोकि ज्यादातर सीमा संबंधी हैं । जम्मू कश्मीर के लद्दाख वाले हिस्से का अक्साई चीन क्षेत्र है जिस पर चीन ने अवैध कब्जा जमाया हुआ है, चीन अरुणाचल प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों पर भी जब-तब अपना हक जताता रहा है । चीन ने आजादी के बाद तिब्बत पर भी जबरन कब्जा कर लिया । जबकि तिब्बत का झुकाव भारत की तरफ था। 1962 में चीन ने भारत पर हमला कर दिया जिसके बाद से चीन और भारत में तनातनी रही । 1976 के बाद से चीन और भारत के बीच राजनीतिक संबंध दोबारा से कायम होने शुरू हुए । चीन विश्व में सबसे तेज गति से विकास करने वाली अर्थव्यवस्था है कोई भी इस तथ्य को अस्वीकार नही कर सकता । तो भारत की अर्थव्यवस्था भी तीव्र गति से विकास कर रही है । अपने पड़ोसियों से अच्छे संबंध और द्विपक्षीय विकास में सहयोग करना किसी भी देश की विदेश नीति में हो तो इससे दोनों देशों के विकास को अलग गति मिल सकती है । अगर चीन और भारत दोनों देश एक दूसरे से प्रतियोगिता नहीं करें और आपसी सहयोग से आगे बढ़ें तो इसके परिणाम भी दूसरे होंगे । दोनों देश परमाणु संपन्न राष्ट्र हैं और युद्ध का खतरा इन दोनों में से कोई मोल नहीं ले सकता । विश्व की शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए दोनों देशों के बीच सहयोग होना जरूरी है । दोनों देशों की समस्याएं भी लगभग समान ही है । दोनों विश्व विश्व की बहुत बड़ी जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करते हैं । अगर दोनों देश अपने पुराने विवादों को भुलाकर, समान दृष्टिकोण अपनाकर आपसी सहयोग से आगे बढ़ें तो एक नये युग की शुरुआत हो सकती है ।
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