Social Sciences, asked by vinodkumarsingh19919, 10 months ago

भारत से परिवहन, संचार, पर्यटन तया यपार का क्या महत्व
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Answered by Sujal977
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Explanation:

भारत में परिवहन देश की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण भाग है। लगभग ३२,८७,२४० किमी२ क्षेत्रफल और १,०२,८७,३७,४३६ की जनसंख्या वाले भारत में परिवहन एक अनिवार्यता भी है और सुविधा भी। १९९० के आर्थिक उदारीकरणों के बाद से देश में भौतिक आधारभूत ढाँचे का बहुत तेज़ी से विकास हुआ है और आज, देश में थल, जल और वायु परिवहन के अच्छे से विकसित विविध प्रकार के परिवहन साधन उपलब्ध हैं। लेकिन, भारत की अपेक्षाकृत निम्न जीडीपी के कारण इस साधनों तक सभी लोगों की पहुँच समान नहीं है। अभी भी केवल १०% जनसंख्या के पास ही मोटरसाइकिले हैं (लगभग १०,२८,७३,७४४)। कारों के स्वामी तो केवल कुछ धनवान लोग ही हैं: २००७ में केवल ०.७% लोगों के पास ही कारें थी (७२,०१,१६३)। सार्वजनिक यातायात अभी भी परिवहन का प्रधान साधन है और भारत का सार्वजनिक परिवन विश्व का सर्वाधिक उपयोग किया जाने वाला साधन है।

सुधारों के पश्चात भी, परिवहन के बहुत से पहलू अभी भी पुराने पड़ चुके आधारभूत ढाँचे और निरंतर बढ़ती जनसंख्या के कारण जूझ रहे हैं। अभी भी ट्रक द्वारा गुड़गाँव से मुंबई के बंदरगाह तक सामान लाने-लेजाने में १० दिन का समय लग जाता है। राज्यीय सीमाओं पर घूसखोरी और कर आम बात है और टांस्पेरेंसी इंटर्नैश्नल के एक अनुमानुसार ट्रकवाले वार्षिक ५ अरब डॉलर की घूस देते हैं। यद्यपि भारत के पास विश्व परिवहन का केवल १% ही है, लेकिन यहाँ होने वाली यातायात दुर्घटनाएँ विश्व का ८% हैं। भारत के नगर बहुत ही संकुचित हैं: बहुत से महानगरों में बस की औसत गति केवल ६-१० किमी/घंटा है। भारत का रेल तंत्र विश्व का सबसे बड़ा है और विश्व का चौथा सर्वाधिक उपयोग में लाया जाने वाला। भारत के बढ़ते अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के कारण देश के बंदरगाहों पर दबाव बढ़ रहा है। परिवन ढाँचे और सेवाओं की माँग प्रतिवर्ष १०% की दर से बढ़ रही है। कुल मिलाकर, भारत में परिवहन तंत्र पुरानी पड़ चुकी तकनीकों, अक्षम प्रबंधन, भ्रष्टाचार, आवश्यकता से अधिक कर्मचारियों और निम्न कर्मी उत्पादकता से कारण भुगत रहा है।

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