Geography, asked by 919850034588, 4 months ago

३. भारतासाठी आण्विक ऊर्जेचे महत्त्व काय आहे? भारतातील एक किंवा दोन अणुऊजा प्रकल्पाची
माहिती गोळा करा.​

Answers

Answered by kalyaniswami02
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Answer:

भारतासाठी आण्विक ऊर्जेचे महत्त्व काय आहे?

अमित नेने

उत्तर दिल्याची तारीख 1 वर्षापुर्वी

भारताच्या दृष्टीने आण्विक ऊर्जेचे प्रचंड महत्त्व आहे.

भारत हा देश आताच्या घडीला पेट्रोलियम ऊर्जेवर मोठ्या प्रमाणावर अवलंबून आहे.

भारतात एकूण ऊर्जेच्या गरजेपैकी ७०% ही पेट्रोलियम आणि तत्सम पदार्थ ह्यांच्यामुळे भागवली जाते.

पेट्रोलियम आणि तत्सम पदार्थ हे कधी ना कधी संपणार आहेत.

भारत हे पदार्थ बाहेरच्या देशातून आयात करतो ज्यात प्रचंड परकीय गंगाजळी खर्च होतात.

भारताला पेट्रोलियम साठी बाहेरच्या देशांवर मोठ्या प्रमाणात अवलंबून रहावं लागतं.

मध्यंतरी अमेरिकेने इराण कडून पेट्रोलियम खरेदी करायला इतर देशांना मज्जाव केला होता. देशाच्या सुदैवाने पंतप्रधानांनी ट्रम्प प्रशासनाशी बोलणी करून इराणशी व्यवहार चालू ठेवताना अमेरिकेशी संबंध बिघडणार नाहीत ह्याबाबत यशस्वी बोलणी केली.

पेट्रोलियम आयात करण्याचे व्यवहार अजूनही बऱ्याच प्रमाणात डॉलर मध्ये होतात. म्हणजे अमेरिकेवर वाढतं अवलंबित्व. भारताच्या सुदैवाने इराणशी पेट्रोलियम चा व्यवहार रुपया त करण्याचा यशस्वी व्यवहार केला.

पेट्रोलियम पदार्थांचा साठा आटत चालला आहे आणि जो ह्या स्त्रोतांवर ऊर्जेसाठी मोठ्या प्रमाणात अवलंबून आहे त्याला इतर अक्षय्य स्त्रोत शोधण्याची गरज आहेच.

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Answered by Salmonpanna2022
7

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भारतीय विद्युत उत्पादन एवं आपूर्ति के क्षेत्र में परमाणु ऊर्जा एक निश्चित एवं निर्णायक भूमिका है। किसी भी राष्ट्र के सम्पूर्ण विकास के लिए विद्युत की पर्याप्त तथा अबाधित आपूर्ति का होना आवश्यक है। विकासशील देश होने के कारण भारत की सम्पूर्ण विद्युत आवश्यकताओं का एक बड़ा भाग गैर पारम्परिक स्रोतों से पूरा किया जाता है क्योंकि पारम्परिक स्रोतों द्वारा बढ़ती हुई आवश्यकताओं को पूरा नहीं किया जा सकता। भारत ने नाभिकीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त की है। इसका श्रेय डॉ॰ होमी भाभा द्वारा प्रारंभ किए गए महत्वपूर्ण प्रयासों को जाता है जिन्होंने भारतीय नाभिकीय कार्यक्रम की कल्पना करते हुए इसकी आधारशिला रखी। तब से ही परमाणु ऊर्जा विभाग परिवार के समर्पित वेज्ञानिकों तथा इंजीनियरों द्वारा बड़ी सतर्कता के साथ इसे आगे बढ़ाया गया है।

भारत में गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश में परमाणु बिजली केंद्र है। ये केंद्र केंद्र सरकार के अधीन हैं।वर्तमान में (अप्रैल 2015 से जेनुअरी 2016 तक) कुल बिजली उत्पादन में नाभिकीय ऊर्जा का भाग 30869 मिलियन यूनिट है जो कि लगभग 3.3% है। [1]वर्तमान में कुल स्थापित क्षमता 4780 मेगावाट है, तथा 2022 तक 13480 मेगावाट बिजली के उत्पादन की संभावना है, यदि वर्तमान में सभी निर्माणाधीन और कुछ नए प्रोजेक्ट को समयबद्ध तरीके से पूरा कर लिया जाता है। 1983 में गठित परमाणु ऊर्जा विनियामक बोर्ड (एईआरबी) भारत में परमाणु ऊर्जा के लिए नियामक संस्था है। नाभिकीय विज्ञान अनुसंधान बोर्ड (बीआरएनएस) के द्वारा अनुसंधान और विकास संबंधी गतिविधियां की जाती हैं।

यह आपका उत्तर है।

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