भारत सरकार के गृह मंत्रालय के सचिव की ओर से मुख्य सचिव पंजाब राज्य को एक सरकारी पत्र लिखे जिसमे राज्य में कानून और व्यवस्था की बिगड़ती हुई स्थिति पर चिंता व्यक्त की गई हो
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भारतीय प्रशासनिक सेवा के कम से कम 39 अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार में कथित संलिप्तता तथा अन्य अनियमितताओं के आरोपों की जांच की जा रही है.आधिकारिक सूत्रों ने 27 जून को हुई एक प्रेस वार्ता में जानकारी दी कि आईएसएस अधिकारियों के लिए नोडल अथॉरिटी के रूप में काम करने वाली डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग (डीओपीटी) यह कार्रवाई कर रही है.इन अधिकारियों के अलावा केंद्रीय सचिवालय सेवा के 29 अधिकारी भी अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना कर रहे हैं.सूत्रों ने दावा किया कि शिकायत के आधार और सर्विस रिकॉर्ड की समीक्षा के बाद 68 अधिकारियों के ख़िलाफ़ जांच शुरू हो गई है. इनमें से कुछ वरिष्ठ स्तर पर कार्यरत है. More in भारत : पटना हाईकोर्ट: भ्रष्टाचार को लेकर सीबीआई जांच के आदेश वाले फैसले को 11 जजों ने निलंबित कियासरकार को भुगतान के बाद रिजर्व बैंक का आपात कोष घटकर 1.96 लाख करोड़ रुपये रह गया: रिपोर्टपूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद पर उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली छात्रा राजस्थान में मिलीआईएनएक्स मीडिया मामला: चिदंबरम की हिरासत अवधि तीन दिन के लिए बढ़ाई गईउत्तर प्रदेश: बच्चा चोरी की अफवाहों में शामिल लोगों के खिलाफ ‘रासुका’ के तहत कार्रवाई होगी‘खेल रत्न’ सम्मान पाने वाली पहली भारतीय महिला पैरा-एथलीट बनीं दीपा मलिक केंद्र सरकार सेवा आपूर्ति और शासन तंत्र को और सुधारने के प्रयास के तहत अपने कर्मचारियों की समीक्षा कर रही है.नियम के अनुसार सरकारी कर्मचारियों के कामकाज का आकलन उनके सेवाकाल में दो बार किया जाता है. इनमें से पहला सर्विस के लिए चुने जाने के 15 साल पर और इसके 25 वर्ष के बाद.पिछले एक वर्ष में केंद्र सरकार ने काम नहीं करने वाले 129 कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी है. इनमें आईएएस और आईपीएस अधिकारी भी शामिल हैं.केंद्र ने काम नहीं करने वालों की पहचान करने के लिए 67,000 कर्मचारियों के सर्विस रिकॉर्ड की जांच करने की भी कवायद शुरू की है. इनमें से करीब 25,000 कर्मचारी देशभर से और ग्रुप ए सेवा से हैं. ताजा आंकड़ों के अनुसार केंद्र सरकार के कुल 48.85 लाख कर्मचारी है.वर्ष 2015 बैच के आईएएस अधिकारियों की केंद्र में तैनाती, किसी को पीएमओ आवंटित नहींभारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के 2015 बैच के 175 अधिकारियों को प्रधानमंत्री कार्यालय छोड़कर केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में 27 जून को सहायक सचिव के तौर पर उनकी पहली तैनाती दी गयी.इन अधिकारियों को तीन महीने (जिसकी अवधि तीन जुलाई से शुरू होगी) के लिए इन विभागों में तैनात किया गया है.प्रशिक्षु नौकरशाहों को उन्हें आवंटित राज्य कैडरों में भेजे जाने से पहले उन्हें केंद्र के कामकाज से अवगत कराने के लिए भारत सरकार की पहल के तहत ये तैनाती की गयी है.आईएएस, आईपीएस और आईएफएस (भारतीय वन सेवा) देश की तीन अखिल भारतीय सेवाएं हैं, जिनके अधिकारियों को कैडर के तौर पर कोई राज्य या राज्यों का समूह आवंटित किया जाता है. इन अधिकारियों को अपने करियर की शुरूआत अपने कैडर राज्य से करनी होती है. नियमों के मुताबिक, कोई आईएएस अधिकारी अपने राज्य कैडर में नौ साल की सेवा पूरी करने के बाद ही केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए पात्र हो सकता है.
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के तौर पर उनकी पहली तैनाती दी गयी.इन अधिकारियों को तीन महीने (जिसकी अवधि तीन जुलाई से शुरू होगी) के लिए इन विभागों में तैनात किया गया है.प्रशिक्षु नौकरशाहों को उन्हें आवंटित राज्य कैडरों में भेजे जाने से पहले उन्हें केंद्र के कामकाज से अवगत कराने के लिए भारत सरकार की पहल के तहत ये तैनाती की गयी है.आईएएस, आईपीएस और आईएफएस (भारतीय वन सेवा) देश की तीन अखिल भारतीय सेवाएं हैं, जिनके अधिकारियों को कैडर के तौर पर कोई राज्य या राज्यों का समूह आवंटित किया जाता है. इन अधिकारियों को अपने करियर की शुरूआत अपने कैडर राज्य से करनी होती है. नियमों के मुताबिक, कोई आईएएस अधिकारी अपने राज्य कैडर में नौ साल की सेवा पूरी करने के बाद ही केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए पात्र हो सकता है.