भारत सरकार द्वारा विदेश व्यापार एवं विदेशी निवेश पर अवरोधक लगाने के क्या कारण थे? इन अवरोधकों को सरकार क्यों हटाना चाहती थी?
Answers
उत्तर :
भारत सरकार द्वारा विदेश व्यापार एवं विदेशी निवेश पर अवरोधक लगाने के निम्न कारण थे :
१.प्रतिस्पर्धा से भारत के नव उदित उद्योग बंद हो सकते थे।
२.ऐसा इसलिए किया गया था कि विदेशी स्पर्धा से देश के उत्पादकों को संरक्षण प्रदान किया जाए।
३.ऐसे में यही उचित समझा गया कि केवल उन्हीं वस्तुओं का आयात किया जाए जिनके बिना काम चलना कठिन है और जो बिल्कुल अनिवार्य है, जैसे उर्वरक, पैट्रोलियम आदि।
इन अवरोधकों को सरकार निम्नलिखित कारणों से हटाना चाहती थी :
१.इस प्रतिस्पर्धा के कारण भारतीय उत्पादक अपने माल में सुधार करने का प्रयत्न करेंगे ताकि उनका माल विदेशों में एक बड़ी मात्रा में बिक सके।
२.एक स्वचछ प्रतिस्पर्धा चीजों की गुणवत्ता बढ़ाने में बड़ी सहायक सिद्ध होगी।
३.भारतीय सरकार ने सोचा कि वह समय आ गया है जब भारतीय उद्योगपति प्रतिस्पर्धा का मुकाबला करने में सक्षम हो चुके हैं।
सन् १९९१ में भारत सरकार ने धीरे-धीरे आयात पर लगे हुए बहुत से प्रतिबंधों को हटाना शुरू कर दिया। इससे यह लाभ रहा कि भारत में अनेक अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने अपना निवेश करना शुरू कर दिया और भारतीय खरीदार को विभिन्न प्रकार का सामान आसानी और सस्ते दामों में मिलने लगा।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।।
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