भारत त्योहारों का देश है। समय-समय पर आने वाले त्योहार जीवन में उल्लास एवं उमंग का संचार करते हैं। साथ ही
हमें अपनी संस्कृति से भी जोड़े रखते हैं, परंतु आज त्योहारों के प्रति लोगों की मानसिकता में बदलाव आ रहा है।
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भारत त्योहारों का देश है पर निबंध
भारत त्योहारों का देश है जिसमें रत्ती भर भी संदेह नहीं है। भारत एक उत्सव प्रिय देश रहा है और हम अपने त्योहारों द्वारा अपने अपनी उत्सवधर्मिता को प्रकट करते हैं। हमारे सारे त्योहार उल्लास और उमंग से भरे हैं।
किसी भी देश के त्यौहार उसकी संस्कृति और विरासत की पहचान होते हैं और त्योहार के साथ कोई ना कोई भावना जुड़ी होती है, कोई प्रतीक जुड़ा होता है, कोई आस्था जुडी होती है।
होली का त्यौहार रंगों द्वारा अपने जीवन में रंग बिखेरने और दुश्मनी को भुलाकर एक-दूसरे से गले मिलने का प्रतीक बन गया है। दिवाली का त्यौहार अपने जीवन में व्याप्त अंधेरे को मिटाकर जीवन में प्रकाश करने का प्रतीक है। रक्षाबंधन का त्यौहार भाई बहन प्रेम को एक अटूट बंधन में बांधने का प्रतीक है। दशहरा का त्यौहार बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। नवरात्रि का त्योहार मां की आराधना द्वारा स्त्री शक्ति को सम्मान देने का प्रतीक है।
पहले यह त्यौहार इसी भावना के साथ मनाये जाते थे। परंतु अब लोगों की मानसिकता में बदलाव आ रहा है। लोगों की जीवनशैली बहुत बदल गई है। त्योहारों में दिखावा और पाखंड ज्यादा करने लगे हैं। कुछ पश्चिमी देशों के त्योहारों के दखल ने भी हमारे त्यौहारों में लोगों की मानसिकता में परिवर्तन ला दिया है। लोगों बस निभाने पर को त्यौहार मनाते हैं। उनमें वह आत्मीयता नहीं रह गई है। मूल भावना गायब होती जा रही है क्योंकि अब लोगों के पास समय की कमी है। महंगाई बढ़ रही है। त्योहारों में दिखावा और पाखंड ज्यादा होने लगे हैं जिससे पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है, इस कारण अदालतों द्वारा उसमें हस्तक्षेप करना पड़ता है तो लोगों की रुचि भी कम हो जाती है।
हमसब को चाहिए कि अपने त्यौहार की मूल भावना को पहचाने। अपने त्योहारों को बचाना अपनी संस्कृति को बचाना है। आधुनिकता के प्रभाव में अपने त्योहारों से मुँह न मोड़ें क्यो्कि हमारे त्योहार जीवंतता और उत्सव के प्रतीक हैं, जीवन में जब जीवंतता बनी रहेगी, उत्सव, उमंग व उल्लास रहेगा तभी जीवन का आनंद भी बना रहेगा। बस आवश्यकता है कि त्योहारों को पूरी सादगी तथा और प्रेम और सौहार्द से मनाएं। तभी त्योहारों की सार्थकता सिद्ध होगी।
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