भारतेंदु हरिश्चंद्र का जीवन परिचय
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janam 1850 e main Bourne place Varanasi u p Father name gopalchandra bhasha braj bhasha and khadi boli bhartandu yug ke pravartak death 1885e
Answer: जीवन परिचय भारतेन्दु हरिश्चन्द्र का जन्म ९ सितम्बर, १८५० को काशी के एक प्रतिष्ठित वैश्य परिवार में हुआ। उनके पिता गोपालचंद्र एक अच्छे कवि थे और 'गिरधरदास'उपनाम से कविता लिखा करते थे। ... हरिश्चंद्र पाँच वर्ष के थे तो माता की मृत्यु और दस वर्ष के थे तो पिता की मृत्यु हो गयी।जीवन-परिचय- भारतेन्दु हरिश्चन्द्र जी का जन्म 9 सितम्बर 1850 ई. में काशी में हुआ था। इनके पिता बाबू गोपालचन्द्र जी थे, जो वे 'गिरधरदास' उपनाम से कविता करते थे।हिन्दी साहित्य के इतिहास में आधुनिक काल के प्रथम चरण को "भारतेन्दु युग" की संज्ञा प्रदान की गई है और भारतेन्दु हरिश्चन्द्र को हिन्दी साहित्य के आधुनिक युग का प्रतिनिधि माना जाता है।भारतेन्दु ने पौराणिक विषयों के समान राजनैतिक एवं सामाजिक विषयों को नाटकों की कथानक बनाया है । 'वैदिकी हिंसा-हिंसा न भवति', 'धनंजय विजय', 'कर्पूर हरिश्चन्द्र', 'मुद्रा राक्षस', 'विषस्य विषमोषौधम्', 'प्रेम योगिनी', 'सती प्रताप', 'नील देवी', 'भारत दुर्दशा', 'अंधेरी नगरी' आदि भारतेन्दु के नाटक है ।भारतेंदु युग को हिंदी साहित्य के इतिहास का प्रथम चरण कहा जाता है। लेखक भारतेंदु हरिश्चंद्र को हिंदी साहित्य का प्रतिनिधि माना जाता है। भारतेंदु युग के लेखकों में बालकृष्ण भट्ट, प्रतापनारायण मिश्र, बद्रीनारायण चौधरी, राधाचरण गोस्वामी एवं रायकृष्णदास प्रमुख हैं।(2) भारतेंदु युग(नवजागरण काल): 1868ईस्वी से 1900 ईस्वी तक। (3) द्विवेदी युग: 1900 ईस्वी से 1922 ईस्वी तक.
Date of death: 6 January 1885
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