Social Sciences, asked by manojkumartws, 12 hours ago

भारत द्वारा निर्मित करने में कौन से स्थान पर है​

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Answered by srujanikadutta
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Explanation:

बेंगलूरु. केंद्रीय रसायन एवं खाद मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि भारत औषधियों का निर्यात करने वाला विश्व का बड़ा देश बन जाएगा और देश में शीघ्र दवाओं के उत्पादन और मेडिकल उपकरणों का निर्माण अधिक होगा।

उन्होंने गुरुवार को तुमकूरु रोड स्थित बेंगलूरु अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी केंद्र में तीसरे फार्मा उद्योग और इडिया मेडिकल डिवाइस की प्रदर्शनी और सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा कि नरेंद मोदी सरकार ने सत्ता में आने के बाद औषधि उद्योग और चिकिस्ता क्षेत्र को एक नया आयाम दिया है। जिस कारण आज भारत को विश्व में औषधियां निर्यात में छठा स्थान प्राप्त है। हर साल ३२ बिलियन अमेरिकी डॉलर की औषधि का निर्यात हो रहा है और साल २०२० तक इसके ५५ बिलियन डॉलर होने का विश्वास है। गत वर्ष २०१७ तक भारतीय फार्मा की कीमत दो लाख करोड़ (३४.२ अरब डालर) हो चुकी है। जिसमें पचास-पचास फीसदी घरेलू और निर्यात माकेट की साझेदारी है।

उन्होंने कहा कि भारत विश्व का सबसे अधिक जेनेरिक दवाएं उपलब्ध कराने वाला देश है। वैश्विक रूप से जेनेरिक दवाओं में से २० फीसदी दवाएं भारत निर्यात करता है। साल २००० से सितंबर २०१७ तक दवाओं और फार्मास्यूटिकल्स क्षेत्र में ८१,००० करोड़ रुपए का विदेशी निवेश लगाया गया है।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने समाज के हर वर्ग के व्यक्ति को स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के लिए १० करोड़ परिवार को हर साल बीमा के रूप में पांच लाख रुपए जमा कराने की घोषणा की है। जिससे ५० करोड़ लोगों को लाभ होगा। मोदी सरकार आयुष्मान भारत योजना लाई है, जिसके तहत देश के ५५५ जिलों में ३,१५० से अधिक स्वास्थ्य केन्द्र स्थापित किए जाएंगे। हर तीन जिलों पर एक मेडिकल कॉलेज आरंभ होगा।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने बेंगलूरु में फार्मा और मेड पार्क स्थापित करने का फैसला किया है। राज्य सरकार इलेक्ट्रॉनिक्स सिटी के पास जमीन आवंटित करे। इसके लिए कटिंग एज प्रौद्योगिकी यहां उपलब्ध है। आंध्र प्रदेश सरकार ने जमीन दी तो छह माह में ऐसे पार्क की आधारशिला रख दी गई। पार्क बनने से कई लोगों को रोजगार मिलेगा।

इस अवसर पर केंद्रीय खाद एवं रसायन राज्य मंत्री मनसुख एल.मंदाविया ने कहा कि केंद्र सरकार औषधि उत्पादन उद्योगों को प्रोत्साहन दे रही है। दो बड़े औषधि निर्माण उद्योगों को मंजूरी दी गई है, ये तेलंगाना और तमिलनाडु में खुलेंगे। प्रदेश में भी ऐसे उद्योग स्थापित करने की सिफारिश की जाए तो उसे शीघ्र मंजूरी दी जाएगी। सार्वजनिक औषधि आपूर्ति क्षेत्र को शक्तिशाली बनाने के लिए केंद्र सरकार कई निजी कंपनियों से करार कर रही है।

रसायन एवं खाद मंत्रालय, औषधि विभाग, फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री के अधिकारी और कई पदाधिकारी उपस्थित थे। इसके अलावा विश्व भर के इंटरनेशनल रेगुलेटर्स, खरीदार, निवेशक और मुख्य कार्र्यकारी अधिकारियों भाग लिया। लगभग ३० देशों से २५० प्रदर्शक और ३०० कंपनियों और ५० स्र्टाटअप ने अपने उत्पाद प्रदर्शित किए हैं।

Answered by aarenmishra
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Answer:

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बेंगलूरु. केंद्रीय रसायन एवं खाद मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि भारत औषधियों का निर्यात करने वाला विश्व का बड़ा देश बन जाएगा और देश में शीघ्र दवाओं के उत्पादन और मेडिकल उपकरणों का निर्माण अधिक होगा।

उन्होंने गुरुवार को तुमकूरु रोड स्थित बेंगलूरु अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी केंद्र में तीसरे फार्मा उद्योग और इडिया मेडिकल डिवाइस की प्रदर्शनी और सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा कि नरेंद मोदी सरकार ने सत्ता में आने के बाद औषधि उद्योग और चिकिस्ता क्षेत्र को एक नया आयाम दिया है। जिस कारण आज भारत को विश्व में औषधियां निर्यात में छठा स्थान प्राप्त है। हर साल ३२ बिलियन अमेरिकी डॉलर की औषधि का निर्यात हो रहा है और साल २०२० तक इसके ५५ बिलियन डॉलर होने का विश्वास है। गत वर्ष २०१७ तक भारतीय फार्मा की कीमत दो लाख करोड़ (३४.२ अरब डालर) हो चुकी है। जिसमें पचास-पचास फीसदी घरेलू और निर्यात माकेट की साझेदारी है।

उन्होंने कहा कि भारत विश्व का सबसे अधिक जेनेरिक दवाएं उपलब्ध कराने वाला देश है। वैश्विक रूप से जेनेरिक दवाओं में से २० फीसदी दवाएं भारत निर्यात करता है। साल २००० से सितंबर २०१७ तक दवाओं और फार्मास्यूटिकल्स क्षेत्र में ८१,००० करोड़ रुपए का विदेशी निवेश लगाया गया है।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने समाज के हर वर्ग के व्यक्ति को स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के लिए १० करोड़ परिवार को हर साल बीमा के रूप में पांच लाख रुपए जमा कराने की घोषणा की है। जिससे ५० करोड़ लोगों को लाभ होगा। मोदी सरकार आयुष्मान भारत योजना लाई है, जिसके तहत देश के ५५५ जिलों में ३,१५० से अधिक स्वास्थ्य केन्द्र स्थापित किए जाएंगे। हर तीन जिलों पर एक मेडिकल कॉलेज आरंभ होगा।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने बेंगलूरु में फार्मा और मेड पार्क स्थापित करने का फैसला किया है। राज्य सरकार इलेक्ट्रॉनिक्स सिटी के पास जमीन आवंटित करे। इसके लिए कटिंग एज प्रौद्योगिकी यहां उपलब्ध है। आंध्र प्रदेश सरकार ने जमीन दी तो छह माह में ऐसे पार्क की आधारशिला रख दी गई। पार्क बनने से कई लोगों को रोजगार मिलेगा।

इस अवसर पर केंद्रीय खाद एवं रसायन राज्य मंत्री मनसुख एल.मंदाविया ने कहा कि केंद्र सरकार औषधि उत्पादन उद्योगों को प्रोत्साहन दे रही है। दो बड़े औषधि निर्माण उद्योगों को मंजूरी दी गई है, ये तेलंगाना और तमिलनाडु में खुलेंगे। प्रदेश में भी ऐसे उद्योग स्थापित करने की सिफारिश की जाए तो उसे शीघ्र मंजूरी दी जाएगी। सार्वजनिक औषधि आपूर्ति क्षेत्र को शक्तिशाली बनाने के लिए केंद्र सरकार कई निजी कंपनियों से करार कर रही है।

रसायन एवं खाद मंत्रालय, औषधि विभाग, फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री के अधिकारी और कई पदाधिकारी उपस्थित थे। इसके अलावा विश्व भर के इंटरनेशनल रेगुलेटर्स, खरीदार, निवेशक और मुख्य कार्र्यकारी अधिकारियों भाग लिया। लगभग ३० देशों से २५० प्रदर्शक और ३०० कंपनियों और ५० स्र्टाटअप ने अपने उत्पाद प्रदर्शित किए हैं।

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