भारत वंदना में भारत माता की अंकित छवि के बारे में 10 पंक्तियां लिखिए
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Explanation:
भारत सबसे प्यारा देश है भारत में रहने वाले शब्द मातृभूमि के माता की रक्षा करने के लिए हमेशा सामने रहेगी छोटे छोटे पांव से 15 अगस्त 26 जनवरी हमेशा त्यौहार बनाते हैं और भारत माता की जय बोलते हैं जय वंदे मातरम वंदे वंदे वंदे मातरम
Answer:
देशभक्ति और देशप्रेम की परिभाषाएं और इन्हें अभिव्यक्त करने के तौर-तरीकों को लेकर विचारों की विभिन्नता कोई नयी बात नहीं है.भारत जैसे विविधतापूर्ण देश में किसी विषय पर भिन्न राय रखना और अलग-अलग तरह से आचरण करना भी आश्चर्य का कारण नहीं होना चाहिए. लेकिन मतभेद का कटुता और हिंसा में बदल जाना चिंता की बात अवश्य है. विवाद-प्रिय देश में फिलहाल ‘भारत माता की जय’ कहने और न कहने, कहना चाहिए या नहीं कहना चाहिए तथा क्या कहा जाये और कैसे कहा जाये जैसे प्रश्नों को लेकर चर्चा गर्म है. भारत की छवि के वैविध्य और रूपों के बहुवचन को रेखांकित करती हमारी विशेष प्रस्तुति...
‘भारत माता की जय’ के नारे पर जारी बहस को समझने के लिए इतिहास के गलियारों में जाने की जरूरत है. ‘भारत माता की जय’ और ‘जय हिंद’ के नारों का उद्भव ब्रिटिश शासन के विरुद्ध चली आजादी की लड़ाई के दौरान हुआ. इसी अवधि में ‘भारत माता’ के विविध चित्र-रूपों का भी अविर्भाव हुआ. अनेक शोधकर्ताओं का मानना है कि इस नारे का पहला पाठ्य-उल्लेख 1866 में बांग्ला में प्रकाशित व्यंग्तात्मक लेख ‘उनबींस पुराण’ (उन्नीसवां पुराण) में मिलता है.
इसे भूदेब मुखोपाध्याय ने लिखा था, हालांकि पहली बार यह बिना नाम के छपा था. इसमें भारत माता को आदि-भारती के रूप में चिन्हित किया गया था, जो सभी आर्य मूल्यों और मान्यताओं के प्रतीक आर्य स्वामी की विधवा थी. वंचित मातृभूमि की छवि 1873 में पहली बार मंचित किरण चंद्र बंधोपाध्याय के नाटक ‘भारत माता’ में भी वर्णित हुई थी. वर्ष 1770 के बंगाल अकाल की पृष्ठभूमि पर आधारित इस नाटक में एक गरीब दंपत्ति की कथा है जो जंगल में विद्रोहियों के एक समूह से मिलते हैं. उनमें से एक पुजारी उन्हें एक मंदिर में ‘भारत माता’ को दिखाने के लिए ले जाता है.