भारत वर्ष में फलों के व्यापार में सुधार हेतु पांच सुझाओ दीजिए?
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भारत वर्ष में फलों के व्यापार में सुधार हेतु पांच सुझाओ दीजिए?
भारत की विविध जलवायु ताजा फल और सब्जियों के सभी किस्मों की उपलब्धता को सुनिश्चित करती है । यह चीन के बाद विश्व में फलों और सब्जियों के उत्पादन में दूसरे स्थान पर है। वर्ष 2015-16 के दौरान, राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड द्वारा प्रकाशित रास्ट्रीय बागवानी डेटाबेस के अनुसार भारत में फलों का उत्पादन 90.2 मिलियन टन व सब्जियों का उत्पादन 169.1 मिलियन टन हुआ। फलों की खेती 6.3 मिलियन हेक्टयर में की गई जबकि सब्ज़ियों की खेती के अंतर्गत 10.1 मिलियन हेक्टयर क्षेत्र मे की गई।
भारत सब्ज़ियों में अदरक और भिंडी का सबसे ज़्यादा उत्पादन करता है और आलू, प्याज़, फूलगोभी, बैंगन, पत्तगोभी आदि उत्पादन में दूसरे स्थान पर है। फलों में केला (25.7%), पपीता (43.6%), आम (मंगुष्ठ और अमरूद सहित) (40.4%) में प्रथम स्थान पर है।
विशाल उत्पादन की वजह से भारत के पास निर्यात के काफी अवसर हैं। वर्ष 2019-20 के दौरान भारत ने फलों और सब्जियों का 9,182.88 करोड़ रुपए / 1,277.38 मिलियन अमरीकी डॉलर का निर्यात किया जिसमें फलों का निर्यात 4832.81 करोड़ रुपए / 668.75 मिलियन अमरीकी डॉलर और सब्जियों का निर्यात 4,350.13 करोड़ रुपए/ 608.48 मिलियन अमरीकी डॉलर का किया गया था।
हमारे देश से फलों में आम, अखरोट, अंगूर, केला, अनार अधिक मात्रा में निर्यात किए जाते हैं जबकि सब्जियों की निर्यातित टोकरी में प्याज, भिंडी, करेला, हरी मिर्च, मशरूम और आलू का अधिक योगदान है।
भारतीय फल और सब्जियां मुख्य रूप से संयुक्त अरब अमीरात, श्रीलंका, नीदरलैंड, बांग्लादेश, मलेशिया, नेपाल, यूनाइटेड किंगडम, सउदी अरब और कतर को भेजी जाती हैं।
यद्यपि विश्व बाजार में भारत का अंशदान लगभग एक प्रतिशत ही है फिर भी देश से बागवानी उपज की स्वीकार्यता तेजी से बढ़ रही है। देश में अद्यतन कोल्ड चेन आधारभूत सुविधाओं तथा गुणवत्ता आश्वस्तता तरीकों में समवर्ती विकास से यह संभव हो वृहद है। निजी क्षेत्र द्वारा वृहद निवेश किए जाने के अलावा सार्वजनिक क्षेत्र ने भी पहलकदमियां की हैं और एपीडा की सहायता से देश में विभिन्न बिक्री कार्गों केन्द्रों तथा समेकित कटार्इ उपरांत सुविधाओं का सृजन किया गया है। इस प्रयास से किसानों, संसाधकों और निर्यातकों के स्तर पर क्षमता विकास पहलकदमियां से भी काफी सहायता मिली है।