भारतीय अ्थव्यवस्था के तीनों क्षेत्रकों की तुलना कीजिए
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उत्तर:
किसी भी अर्थव्यवस्था को तीन क्षेत्रक या सेक्टर में बाँटा जाता है:
1.प्राथमिक या प्राइमरी सेक्टर
2.द्वितीयक या सेकंडरी सेक्टर
3.तृतीयक या टरशियरी सेक्टर
प्राचीन काल में होने वाली आर्थिक क्रियाएँ प्राइमरी सेक्टर में ही होती थीं। धीरे-धीरे समय बदला और भोजन का उत्पादन सरप्लस होने लगा। इसके परिणामस्वरूप अन्य उत्पादों की आवश्यकता बढ़ने लगी, जिससे सेकंडरी सेक्टर का विकास हुआ। उन्नीसवीं सदी में औद्योगिक क्रांति हुई जिसके परिणामस्वरूप सेकंडरी सेक्टर में तेजी से विकास हुआ।
जब सेकंडरी सेक्टर विकसित हो गया तो ऐसी गतिविधियों की जरूरत पड़ने लगी जिनसे औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा मिल सके। ट्रांसपोर्ट सेक्टर इसका अच्छा उदाहरण है। उद्योग धंधों को सुचारु रूप से चलाने के लिए ट्रांसपोर्ट की जरूरत भी पड़ती है। औद्योगिक उत्पाद ग्राहकों तक पहुँचे इसके लिये दुकानों की जरूरत होती है। इसी तरह कई अन्य सेवाओं की जरूरत होती है, जैसे एकाउंटैंट, ट्यूटर, कोरियर, डॉक्टर, सॉफ्टवेयर, आदि। ये सभी सेवाएँ टरशियरी सेक्टर में आती हैं।
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Answer:
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