भारतीय आर्यभाषा के प्राकार बाताकर येक प्राकार
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विकास क्रम की दृष्टि से भारतीय आर्य भाषा को तीन प्रकार में / कालों में विभाजित किया गया है । भारतीय आर्य भाषा समूह को काल-क्रम की दृष्टि से निम्न भागों में बांटा (वर्गीकृत किया) गया है -
प्राचीन भारतीय आर्य भाषा (2000 ई.पू. से 500 ई.पू. तक)
वैदिक संस्कृत (2000 ई.पू. से 800 ई.पू. तक)
संस्कृत अथवा लौकिक संस्कृत (800 ई.पू. से 500 ई.पू. तक)
मध्यकालीन भारतीय आर्यभाषा (500 ई.पू. से 1000 ई. तक) यद्यपि इससे पहले भी प्राकृतें थी ।
पालि (500 ई.पू. से 1 ई. तक)
प्राकृत (1 ई. से 500 ई. तक)
अपभ्रंश (500 ई. से 1000 ई. तक) answer
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