भारतीय अर्थव्यवस्था की मूलभूत संरचना का वर्णन कीजिए
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it is one of the largest in the world, sixth for nominal gross domestic product, third considering the theory of purchasing power parity (PPA), and one of the fastest growing. It consists of highly diversified elements, ranging from subsistence agriculture to the most advanced industrial sectors. The leading sectors, especially in exports, are however those of services and the advanced tertiary sector
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⟹ भारतीय अर्थव्यवस्था की मुख्य विशेषताएं
➠ कृषि पर निर्भरता :
- भारत की लगभग 70 प्रतिशत जनसंख्या कृषि पर आधारित है। कृषि का कुल राष्ट्रीय आय में 30 प्रतिशत का योगदान है। विकसित देशों में राष्ट्रीय आय में योगदान 2 से 4 प्रतिशत है। वर्षा कृषि के लिये जल का प्रमुख स्त्रोत है। अधिकांश क्षेत्रों में पुरानी तकनीक से कृषि की जाती है।
➠ तकनीकी पिछड़ापन :
- भारतीय अर्थव्यवस्था में प्राय: सभी उद्योंगेां में उत्पादन की पुरानी तकनीक का प्रयोग किया जाता है। अनुसंधान व विकास पर भी कम व्यय किया जाता है। उन्नत तकनीक का प्रयोग केवल कुछ उद्योंगों में किया जाता हैं।
➠ अपर्याप्त बुनियादी सुविधाएं :
- अधोसंरचनात्मक सुविधाओं में ऊर्जा, परिवहन व संचार आदि सुविधाओं को शामिल किया जाता है, जो औद्योगिक विकास के लिए आवश्यक है। ये सुविधाएं कृषि एवं सेवा क्षेत्रों के विकास को प्रभावित करती है। भारत में ये सुविधाएं कम हैं।
➠ निम्न आय का स्तर :
- भारत ने प्रति व्यक्ति की आय कम है। आय का यह स्तर उपभोग व रहन सहन के निम्न स्तर को दर्शाता है। भारत में उत्पादन में वृद्धि के साथ-साथ जनसंख्या में तीव्र वृद्धि हु। इसके अतिरिक्त प्रत्येक भारतीय की औसत वार्षिक आय कम हैं। भारत में आय की असमनताएं है। लगभग एक तिहा जनसंख्या गरीबी रेखा से नीचे है अर्थात् न्यूनतम पोषण आहार भी नहीं मिल रहा है।
➠ जनसंख्या की ऊॅंची वृद्धि दर:
- भारत की जनसंख्या तीव्र गति से बढ़ रही है । 1951 में जब विकास की प्रक्रिया शुरू हु तब मृत्यु दर में तेजी से कमी आ । जनसंख्या की ऊॅंची वृद्धि दर से संसाधनों पर अतिरिक्त दबाव पड़ा है । राष्ट्रीय आय में वृद्धि की तुलना मेंप्रति व्यक्ति आय में वृद्धि कम हु है।
➠ पूंजी की कमी :
- भारत में आय का स्तर कम होने से बचत में कमी होती है जिससे पूंजी निर्माण की दर भी कम होती है । पूंजी की कमी से अन्य संसाधन जैसे श्रम और प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग पूर्ण रूप से नही हो पाता है । भारत में प्राकृतिक का संसाधनों का भंडार है, लेकिन पूंजी के अभाव में इनका उपयोग पूरा नही हो पाता है ।
➠ ऊॅची निरक्षरता दर :
- भारत में निरक्षर का प्रतिशत साक्षरता की तुलना में कम है । महिलाओं में यह दर और अधिक है ।
➠ जीवन व कार्य के प्रति रूढ़ीवादी दृष्टिकोण :
- भारतीय समाज में बहुत सी जातियॉ व उप जातियॉ है, जिनमें संघर्ष होता रहता है । धार्मिक व सामाजिक विश्वास व परम्पराएं एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण के विकास में बाधक होती है। इससे जनसंख्या में वृद्धि होती है। रूठिवादिता धर्म आदि के कारण विकास में बाधा उत्पन्न होती है।
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