भारतीय अर्थव्यवस्था और रोज़गार में कृषि के योगदान का विश्लेषण कीजिए।
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भारत मुख्य रूप से एक कृषि अर्थव्यवस्था थी जब तक कि पिछले कुछ वर्षों में यह विश्व अर्थव्यवस्थाओं के अनुसार बदल गई। भारत कृषि उत्पादन के मामले में दुनिया में दूसरे स्थान पर है। 2005 में सकल घरेलू उत्पाद का 18.6% कृषि और संबंधित क्षेत्रों जैसे मछली पकड़ने , वानिकी और लॉगिंग द्वारा योगदान दिया गया था और कुल कार्यबल के 60% के लिए रोजगार प्रदान किया था। कृषि उत्पादन एवं उसकी अर्थव्यवस्था को बनाये रखने के लिए सर्कार ने अनेक कदम उठाये हैं हम इस शोध में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के द्वारा उसके विकास के लिए किये गए प्रबंधों का अध्ययन करेंगे। जैसा कि हम जानते हैं कि भारत एक कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था है। इसकी लगभग 55 % जनसंख्या इस क्षेत्र में कार्यरत है। कृषि का भारतीय अर्थव्यस्था के सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 14 % योगदान है। लेकिन लगातार हमारी अर्थव्यवस्था में कृषि का योगदान घट रहा है। 1950 के दशक में हमारी अर्थव्यवस्था में कृषि का योगदान 53 % प्रतिशत होता था जो वर्तमान में करीब 14 % रह गया है। देश में निर्यात के क्षेत्र में कृषि का 10 % हिस्सा है। देश की 1.26 अरब आबादी की खाद्य सुरक्षा कृषि पर निर्भर है। जैसा कि हम जानते हैं कि भारत एक कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था है। इसकी लगभग 55 % जनसंख्या इस क्षेत्र में कार्यरत है। कृषि का भारतीय अर्थव्यस्था के सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 14 % योगदान है। लेकिन लगातार हमारी अर्थव्यवस्था में कृषि का योगदान घट रहा है। 1950 के दशक में हमारी अर्थव्यवस्था में कृषि का योगदान 53 % प्रतिशत होता था जो वर्तमान में करीब 14 % रह गया है। देश में निर्यात के क्षेत्र में कृषि का 10 % हिस्सा है। देश की 1.26 अरब आबादी की खाद्य सुरक्षा कृषि पर निर्भर है।
भारत की कृषि अर्थव्यवस्था का अवलोकन
1950 के दशक में भारत के सकल घरेलू उत्पाद का आधा हिस्सा कृषि क्षेत्र से आता था। वर्ष 1995 तक यह घटकर 25 प्रतिशत रह गया , जो वर्तमान में करीब 14 % घट गया है।
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