Chemistry, asked by jiledarkhuswaha, 3 months ago

भारतीय अर्थव्यवस्था पर ब्रिटिश साम्राज्य 5 हानिकारक प्रभाव​

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Answered by neha10146
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Answer: जैसे- साख की समस्या, सरकार द्वारा प्रशुल्क संरक्षण का अभाव, विदेशी उद्योगों से असमान प्रतिस्पर्धा तथा ब्रिटिश उद्योगपतियों का दृढ़ विरोध- जो कि वितीय संरचना के क्षेत्र में अत्यधिक समृद्ध थे। उपनिवेशी कारकों ने भी कुछ संरचनात्मक एवं संस्थात्मक परिवर्तन किये।.

1. पारंपरिक अर्थव्यवस्था का विघटन:

अंग्रेजों द्वारा अपनाई जाने वाली आर्थिक नीतियों ने भारत की अर्थव्यवस्था का औपनिवेशिक अर्थव्यवस्था में तेजी से परिवर्तन किया, जिसकी प्रकृति और संरचना ब्रिटिश अर्थव्यवस्था की जरूरतों के अनुसार निर्धारित की गई थी। इस संबंध में भारत की ब्रिटिश विजय पिछले सभी विदेशी विजय से भिन्न थी।

पिछले विजेताओं ने भारतीय राजनीतिक शक्तियों को उखाड़ फेंका था, लेकिन देश की आर्थिक संरचना में कोई बुनियादी बदलाव नहीं किया था; वे धीरे-धीरे भारतीय जीवन का हिस्सा बन गए थे, राजनीतिक और साथ ही आर्थिक। किसान, कारीगर और व्यापारी पहले की तरह ही अस्तित्व का नेतृत्व करते रहे।

आत्मनिर्भर ग्रामीण अर्थव्यवस्था का मूल आर्थिक प्रतिमान नष्ट हो चुका था। शासकों के परिवर्तन का अर्थ केवल उन लोगों के कार्मिकों में परिवर्तन था जिन्होंने किसानों के अधिशेष को विनियोजित किया था। लेकिन ब्रिटिश विजेता पूरी तरह से अलग थे। उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था की पारंपरिक संरचना को पूरी तरह से बाधित कर दिया।

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