भारतीय ग्रामीण जीवन पाठ सूरदास की झोपड़ी. (1)आजादी से पहले वर्तमान की स्थिति . ( 2) सुधार की आवश्यकताएं . (3)आप की भूमिका /योगदान /सुझाव
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इस लेख में प्रेमचंद का संक्षिप्त जीवन परिचय का अध्ययन करेंगे , साथ ही सूरदास की झोपड़ी पाठ का सार , महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर तथा व्याख्या के रूप में अभ्यास कर सकेंगे जो परीक्षा की दृष्टि से तैयार किया गया है।
प्रेमचंद को कथा सम्राट भी कहा जाता है , उनकी कहानियों में जो वास्तविकता और जीवन का मर्म देखने को मिलता है वह अन्यत्र कहानीकारों में नहीं। शायद यही कारण है कि उन्हें कलम का सिपाही भी कहा जाने लगा। सूरदास की झोपड़ी कहानी में भी प्रेमचंद जहां गांधीवादी विचारधारा का प्रदर्शन किया , वहीं एक अंधे भिखारी की विवशता को भी बखूबी दर्शाया है।
भिखारी के पास बड़ी मात्रा में धन हास्य का विषय होता है।
यही कारण है सूरदास की जमा पूंजी लूट जाने के बाद भी वह अपनी पूंजी के बारे में किसी को नहीं बताता क्योंकि उसकी बात पर कोई यकीन नहीं करेगा। अंत में वह संघर्ष के लिए प्रेरित होता है।
प्रेमचंद का स्पष्ट मानना था साहित्य कोई मनोरंजन का विषय नहीं है।
यह समाज को दिशा दिखाने , उनका मार्ग प्रशस्त करने का एक माध्यम है। प्रेमचंद के साहित्य से इन बातों का स्पष्टीकरण देखने को मिल जाता है।
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भारतीय ग्रामीण जीवन पाठ सूरदास की चौथी आजादी से पहले वर्तमान की स्थिति सुधार की आवश्यकता है आपकी भूमिका योगदान सुझाव आज