भारतीय किसान पर निबंध
Answers
Answer: pls check the following attachment.
भारतीय किसान
(१) परिचय (२) जीवन की झाँकी (३) नयापन (४) उपसंहार।
किसान श्रम, सेवा और त्याग की मूर्ति है। फटे - पुराने कपड़े, दुबला - पतला शरीर और नंगे पैर। उसका दीन - हीन जीवन इंगित करते हैं। वह 'अन्नदाता' कहलाता है, फिर भी उसकी झूट में संभावना: भूख और दरिद्रता का ही साम्राज्य रहता है।
भारतीय किसान का रहना - सहन करने - सादा होता है। एक छोटी - सी झोंपड़ी या मिट्टी। के घर में वह अपने परिवार के साथ रहता है। उसकी जीवनोपयोगी वस्तुओं को पर्याप्त मात्रा में प्राप्त नहीं होता है, फिर भी वह संतोष से अपना जीवन बिताता है। उसके जीवन में आए दिन बदलने वाला फैशन नहीं होता। वह तो प्रकृति के पालने में स्पष्टता नहीं कर सकता। साहस और आत्मसम्मान की इसमें कमी नहीं। परिश्रम और सेवा का वह अवतार है। दिल खोलकर आतिथ्य या दान - धर्म करने में वह कोई गतिविधियों नहीं रखता।
आज शिक्षा के प्रचार - प्रसार से किसानों की समझ विकसित हुई है। आज बैलों के साथ। स्थान पर ट्रैक्टर से खेती करता है। ट्यूब वेल से अपने खेतों की सिंचाई करता है। इससे उसकी पैदावार में काफी वृद्धि हुई है। सरकार भी किसानों को उत्तम बीज , रासायनिक खाद और मशीन खरीदने के लिए उसकी सहायता कर रही है। अब वह साहूकारों और महाजनों से नहीं ग्रामीण विकास बँक से कर्ज लेता है। इससे उसकी आर्थिक स्थिति में सुधार आया है।
सचमुच कृषिप्रधान भारत में किसान का बहुत महत्त्व है। वह समाज का सच्चा हितैषी और देश की रीढ़ है। इसलिए किसानों की हर संभव मदद करने की आवश्यकता है। जिस दिन किसान खुशी से झूम उठेगा, उस दिन भारत का भविष्य भी स्मरा करेगा।