भारतीय मानसून की प्रमुख तीन विशेषता बताएं
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गर्मियों में, भारत को दक्षिण-पश्चिम मानसूनी हवाएँ प्राप्त होती हैं, जबकि सर्दियों में, यह उत्तर-पूर्वी मानसूनी हवाएँ प्राप्त करती है।
मानसून की विशेषताएं:
- मानसून एक मौसमी पवन उत्क्रमण है जो ज्यादातर पृथ्वी के उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में होता है।
- मानसून तीव्र बारिश होती है जो पूरे बरसात के मौसम में होती है, जो जून से सितंबर तक चलती है। वे अक्टूबर तक रह सकते हैं।
- मानसून के दौरान, बड़े पैमाने पर समुद्र या समुद्री हवाएं होती हैं।
- मानसून का मौसम आम तौर पर गर्मी के मौसम के बाद आता है।
- मानसून लगातार ठंडे से गर्म क्षेत्रों की ओर बह रहा है।
- भारत में दो प्रकार के मानसून होते हैं: दक्षिण-पश्चिम और उत्तर-पूर्व। पहला अरब सागर से है, जबकि दूसरा बंगाल की खाड़ी से है।
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Concept:
मानसून शब्द की उत्पत्ति अरबी भाषा के शब्द मौसीम से हुई है, अरबी भाषा में मौसीम का अर्थ ऋतु है अर्थात मानसून का तात्पर्य एक ऐसी ऋतु से है जिसमें पवनों की दिशा में परिवर्तन हो जाता है।
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Explanation:
मानसून शब्द की उत्पत्ति अरबी भाषा के शब्द मौसीम से हुई है, अरबी भाषा में मौसीम का अर्थ ऋतु है अर्थात मानसून का तात्पर्य एक ऐसी ऋतु से है जिसमें पवनों की दिशा में परिवर्तन हो जाता है।
भारतीय मानसून की प्रमुख तीन विशेषता -
(i) मानसूनी हवाएँ मौसमी हवाएँ हैं जो मौसम के अनुसार प्रवाहित होती हैं।
(ii) ग्रीष्मकालीन मानसूनी हवाएँ, भारत की प्रायद्वीपीय स्थिति के कारण दो भागों में बँट जाती हैं- पहली, अरब सागरीय मानसून एवं दूसरी, बंगाल की खाड़ी का मानसून
(iii) भारत में ग्रीष्म ऋतु में इन हवाओं की दिशा दक्षिणपश्चिम से उत्तर- पूर्व की ओर एवं शीत ऋतु में उत्तर-पूर्व से दक्षिण-पश्चिम होती है।
(iv) ग्रीष्म ऋतु में ये हवाएँ समुद्र से स्थल भाग की ओर चलने के कारण उष्ण व आर्द्र होती हैं जबकि शीत ऋतु में ये हवाएँ स्थल से समुद्र की ओर चलने के कारण ठण्डी और शुष्क होती हैं।
(v) भारत में वर्षा मुख्यतः मानसूनी हवाओं से ही होती है। वर्षा का अधिकांश भाग दक्षिण-पश्चिमी मानसून हवाओ से प्राप्त होता है।
(vi) भारतीय मानसून से होने वाली वर्षा अनिश्चित है अर्थात् कई बार मानसून के समय एवं उसकी मात्रा में अन्तर भी आ जाता है।
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