Hindi, asked by paavanjit, 8 months ago

भारतीय नागरिक होने के नाते के अवसर देसी वस्तुओं के प्रयोग को बढ़ावा देने के पक्ष में है यदि हां तो कैसे उदाहरण देकर स्पष्ट करो और यदि नहीं तो क्यों नहीं​

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Answered by krystelkhu3
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Answer:

संविधान लागू होने के बाद भारतीय नागरिकता हासिल करने, इसके निर्धारण और रद्द करने के संबंध में एक विस्तृत क़ानून है. उसे आसान भाषा में समझाने की कोशिश.

यह अधिनियम भारत में एकल नागरिकता का प्रावधान करता है यानी भारत का नागरिक किसी और देश का नागरिक नहीं हो सकता.

इस अधिनियम में वर्ष 2019 से पहले पाँच बार संशोधन (वर्ष 1986, 1992, 2003, 2005 और 2015 में) किया जा चुका है.

नवीनतम संशोधन के बाद इस अधिनियम में बांग्लादेश, अफ़ग़ानिस्तान और पाकिस्तान के छह अल्पसंख्यक समुदायों (हिंदू, बौद्ध, जैन, पारसी, ईसाई और सिख) से ताल्लुक़ रखने वाले लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है.

इसी तरह पिछले संशोधनों में भी नागरिकता दिए जाने की शर्तों में कुछ मामूली बदलाव किए जाते रहे हैं.

भारतीय नागरिकता अधिनियम, 1955 के अनुसार कुछ प्रावधानों के अंतर्गत भारत की नागरिकता ली जा सकती है.

Image copyrightGETTY IMAGESबीबीसी

क्या हैं प्रावधान?

पहला प्रावधान जन्म से नागरिकता का है.

भारत का संविधान लागू होने यानी कि 26 जनवरी, 1950 के बाद भारत में जन्मा कोई भी व्यक्ति 'जन्म से भारत का नागरिक' है. इसके एक और प्रावधान के अंतर्गत 1 जुलाई 1987 के बाद भारत में जन्मा कोई भी व्यक्ति भारत का नागरिक है, यदि उसके जन्म के समय उसके माता या पिता (दोनों में से कोई एक) भारत के नागरिक थे.

दूसरा प्रावधान वंशानुक्रम या रक्त संबंध के आधार पर नागरिकता देने का है.

इस प्रावधान के अंतर्गत एक शर्त ये है कि व्यक्ति का जन्म अगर भारत के बाहर हुआ हो तो उसके जन्म के समय उसके माता या पिता में से कोई एक भारत का नागरिक होना चाहिए.

दूसरी शर्त ये है कि विदेश में जन्मे उस बच्चे का पंजीकरण भारतीय दूतावास में एक वर्ष के भीतर कराना अनिवार्य है. अगर वो ऐसा नहीं करते तो उस परिवार को अलग से भारत सरकार की अनुमति लेनी होगी.

इस प्रावधान में माँ की नागरिकता के आधार पर विदेश में जन्म लेने वाले व्यक्ति को नागरिकता देने का प्रावधान नागरिकता संशोधन अधिनियम 1992 के ज़रिए किया गया था.

Video captionअदनान सामी के बेटे ने उनकी भारतीय नागरिकता पर क्या कहा?

तीसरा प्रावधान पंजीकरण के ज़रिए नागरिकता देने का है.

अवैध प्रवासी को छोड़कर अगर कोई अन्य व्यक्ति भारत सरकार को आवेदन कर नागरिकता माँगता है, तो ये कुछ विधियाँ हैं जिनके आधार पर उसे नागरिकता दी जा सकती है.

1. भारतीय मूल का वो शख़्स जो देश में नागरिकता के लिए आवेदन देने के पहले भारत में कम से कम 7 साल रह रहा हो.

2. भारतीय मूल का वो व्यक्ति जो अविभाजित भारत के बाहर किसी देश का नागरिक हो. मतलब ये कि व्यक्ति पाकिस्तान और बांग्लादेश से बाहर किसी अन्य देश का नागरिक हो, और उस नागरिकता को छोड़कर भारत की नागरिकता चाहता हो.

3. वो शख़्स जिसकी शादी किसी भारतीय नागरिक से हुई हो और वो नागरिकता के आवेदन करने से पहले कम से कम सात साल तक भारत में रह चुका हो.

4. वो नाबालिग़ बच्चे जिनके माता या पिता भारतीय हों.

5. राष्ट्रमंडल के सदस्य देशों के नागरिक जो भारत में रहते हों या भारत सरकार की नौकरी कर रहें हों, आवेदन पत्र देकर भारत की नागरिकता प्राप्त कर सकते हैं.

चौथा प्रावधान भूमि-विस्तार के ज़रिए नागरिकता देने का है. यदि किसी नए भू-भाग को भारत में शामिल किया जाता है, तो उस क्षेत्र में निवास करने वाले व्यक्तियों को स्वतः भारत की नागरिकता मिल जाएगी. मिसाल के तौर पर 1961 में गोवा को, 1962 में पुद्दुचेरी को भारत में शामिल किया गया तो वहाँ की जनता को भारतीय नागरिकता प्राप्त हो गई थी.

पाँचवां प्रावधान नेचुरलाइज़ेशन के ज़रिए नागरिकता देने का है. यानी देश में रहने के आधार पर भी कोई व्यक्ति भारत में नागरिकता हासिल कर सकता है. बशर्ते वो नागरिकता अधिनियम की तीसरी अनुसूची की सभी योग्यताओं पर खरा उतरता हो.

ज़ाहिर है, यह पूरा क़ानून नहीं है, पूरा क़ानून काफ़ी विस्तृत है और यहाँ मोटे तौर पर जानकारी दी गई है, कई शर्तें और डिस्क्लेमर हैं उनके बारे में जानने के लिए पूरा क़ानून पढ़ें.

Answered by irshadalam7864
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Answer:

हां, मैं भारतीय नागरिक होने के नाते स्वदेशी वस्तुओं को प्रयोग में बढ़ावा देने के पक्ष में हुँ। क्योंकि अगर हम अपने देश की बने हुए वस्तु का प्रयोग करते हैं और जो सामान अपने देश के बने हुए उसे खरीदते हैं तो खरीदने वाले पैसे हमारे देश में ही रह जाएंगे और दूसरे देश में न जाकर बल्कि हमारे देश क

कि गरीबों को आर्थिक मदद मिलेगी। इससे हमारी देश की आर्थिक स्थिति में सुधार आएगी और हमारा देश उन्नति और प्रगति के रास्ते पर निकल पड़ेगा और 1 दिन हमारे देश के आर्थिक स्थिति अनेक देशों की तुलना सबसे अधिक होगी और इसी आर्थिक स्थिति की मदद से हम माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई से लेकर चांद एवं मंगल की ऊंचाइयों को ही हासिल कर सकते हैं।

Explanation:

मैं आशा करता हूं कि या उत्तर आपको खुश करेगा बहुत ही मदद करेगा।

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