भारतीय नारी सर्वगुण संपन्न है। वह त्याग, दया, क्षमा, ममता और सौंदर्य की मूर्ति है। नारी के यह गुण जितने विकसित हो उसका महत्व आकर्षण उतना ही बढ़ता है। राष्ट्रीय निर्माण में नारी का बड़ा महत्व पूर्ण उत्तरदायित्व है। त्याग तपस्या साधना तथा अहिंसा की प्रतिमूर्ति भारतीय नारी एक ऐसी शक्ति है जिसके आधार पर भारतीय समाज में नूतन जागरण की नवल बेला लाई जा सकती है ।नारी परिवार की जान है और परिवारों के समूह का ही दूसरा नाम समाज है। हमारा वर्तमान समाज दासतां के दुष्प्रभाव से केवल मैला ही नहीं हो उठा है बल्कि उसकी भव्य दीवारें चमकती हुई मीनारें तथा भारतीय कलाकारों के सुंदर हाथों से संजोई हुई तस्वीरें फूट-फूटकर धराशायी हो चुकी हैं ।मां के रूप में विधाता की सर्वश्रेष्ठ रचना नारी ही भारतीय अतीत के खंडहर में प्राणों का संचार कर उसे जीवित बना सकती है।
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to question kya hi mujhe btaiye
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what is question ?????????????
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