Hindi, asked by Ridhima2617, 5 months ago

भारतीय परंपरा के अनुसार अतिथि का स्थान in 7-8 lines Para​

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Answered by Anonymous
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अतिथि देवो भवः तो हम सदियों से कहते आए हैं लेकिन अतिथि के साथ हम क्या-क्या करते हैं, किस तरह हम इस आदर्श परम्परा को धुंधलाते हैं, किस तरह हम अपनी संस्कृति को शर्मसार करते हैं, इसकी एक ताजा बानगी स्विट्जरलैंड से आए एक युगल के साथ हुई मारपीट एवं अभद्र घटना से सामने आयी है। इससे बड़ी विडंबना और कोई नहीं कि पर्यटन पर्व के दौरान फतेहपुर सीकरी में इस युगल को पीट-पीटकर अधमरा किया गया और लोग मदद करने के बजाय उनकी फोटो खींचते रहे। यह ठीक है कि इस घटना के बाद संबंधित अफसर से लेकर मंत्री तक दुख जताने के साथ कठोर कार्रवाई की बात कह रहे हैं, लेकिन जरूरत इसकी है कि हमारी राष्ट्रीयता एवं अतिथि को देव मानने के भाव को शर्मसार करती ऐसी घटनाओं को रोकने के ठोस उपाय किए जाएं। संस्कृति को तार-तार करने वाली इस घटना को पूरा राष्ट्र अत्यंत विवशता एवं निरीहता से देख रहा है।

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Answered by srijansahu125
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Answer:

भारतीय परम्परा के अनुसार अतिथि को भगवान का स्थान दिया गया है, अतिथि देवो भवः इसी वाक्य पर भारतवासी अतिथि को देवतुल्य मानते हैं। यही हम सभी भारतवासियों की पहचान है जिससे किसी भी अतिथी के घर आने पर हम उनका आदर सत्कार करते है परन्तु आजकल की दौड़भाग वाली जिंदगी में धीरे-धीरे अतिथियों का सम्मान कम होता जा रहा है,क्योकि कोई भी अतिथि अपने प्रियजनों के यहां ज्यादातर समय नही बित पाते।।।

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