भारतीय संस्कृति में नारी धर्म निबंध please say that
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भारतीय समाज में नारी का स्थान पर निबंध (250 शब्द)
भारतीय समाज में नारी को लक्ष्मी देवी का रूप समझा जाता है। नर और नारी जीवन के दो पहिये माने जाते है। ... प्राचीन भारत के समय नारी स्वतंत्र थी, महिलाओं पर किसी प्रकार का कोई प्रतिबन्ध नहीं था । महिलाएं यज्ञो और अनुष्ठानो में भाग लेती थी।
Answer:
भारत के सबसे प्राचीन ग्रन्थ मनुस्मृति में नारी पर कहा गया है की, ‘यत्र नार्यस्त पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवता’ जिसका मतलब होता है जहाँ नारियों की पूजा होती है, वहाँ देवताओं का निवास रहता है। इस बात से पता चल जाता है कि प्राचीन समय से भारतीय समाज में नारी का कितना महत्व रहा है। भारतीय समाज में नारी को लक्ष्मी देवी का रूप समझा जाता है।
नर और नारी जीवन के दो पहिये माने जाते है। दोनों का समाज में समान महत्व होता है। प्राचीन भारत के समय नारी स्वतंत्र थी, महिलाओं पर किसी प्रकार का कोई प्रतिबन्ध नहीं था । महिलाएं यज्ञो और अनुष्ठानो में भाग लेती थी। मध्य युग में धीरे धीरे समय बदलने पर पुरुष ने अपने अहम के लिए नारी को निम्न स्थान दिया।
आज फिर से नारी समाज में प्रतिष्ठित और सम्मानित हो रही है। वर्तमान समय में नारी पुरुष के साथ कदम से कदम मिलकर चल रही है । वो घर के साथ साथ अपना कार्यक्षेत्र भी सही तरीके से संभाल रही है। उसने आज यह साबित कर दिखाया है कि शक्ति और क्षमता की दृष्टि से वह किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कम नहीं है ।
महिलाओं के सशक्तिकरण के बावजूद भी आज सरकार को ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ जैसी योजना चलानी पड़ रही है क्योंकि आज भी देश की कई जगहों पर समाज में नारी को कुचला जाता है। साथ ही साथ आज भारतीय नारी पश्चिमी संस्कृति के रंग में रंग चुकी है। भौतिकवादी सभ्यता के चलते वो अपने परिवारों के कर्तव्य से दूर होती नजर आ रही है।