भारतीय संविधान की कोई पाँच विशेषताओं का वर्णन कीजिय
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Explanation:
(i). उयोजनशीलताएं (Derivations):
संविधान-निर्मातागण अपने देश की आवश्यकताओं लोगों की आकांक्षाओं तथा समकालीन परिस्थितियों से अवगत थे । अत: उन्होंने अन्य देशों के संविधानों की उन व्यवस्थाओं व संस्थाओं को लिया जो अपने देश के लिए उपयुक्त व उपयोगी हो सकती थीं ।
(ii). निर्मित व लिखित संविधान:
हमारा संविधान लम्बे विकास की देन नहीं है, जैसा हम ब्रिटिश संविधान के बारे में देखते हैं । संविधान सभा ने इसे बनाया है, जिसमें कुल 389 सदस्य थे, किन्तु देश के विभाजन के बाद उनकी संख्या घट गयी थी । इसमें लगभग तीन वर्ष का समय लगा । इसके अतिरिक्त यह विश्व का सबसे अधिक लिखित संविधान है । प्रस्तावना के बाद इसमें 395 अनुच्छेद हैं, जो 22 भागों में समाहित हैं । अन्त में अनुसूचियां हैं, जिनकी संख्या पहले आठ थी किन्तु अब बारह है ।
(iii.) एकीकृत न्यायपालिका:
संघीय व्यवस्था में केन्द्र व प्रान्तों के बीच शक्तियों का विभाजन किया जाता है, ताकि दोनों सरकारें अपने-अपने क्षेत्रों में काम कर सकें । प्रान्तों की अपनी न्यायपालिका होती है, लेकिन भारत में सर्वोच्च न्यायालय को शिखर पर रखा गया है, राज्यों के उच्च न्यायालय उसके नीचे हैं ।
(iv). न्यायिक समीक्षा:
सर्वोच्च न्यायालय व उच्च न्यायालयों को यह शक्ति दी गयी है कि वे राज्य के किसी चुनौती दिये गये कानून या आदेश की समीक्षा करें तथा उसे असंवैधानिक होने की स्थिति में रह कर दें । चूंकि उच्च न्यायालय के निर्णय को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी जा सकती है, अत: सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय अन्तिम है ।
(v.) लोकतान्त्रिक विकेन्द्रीकरण:
मूल संविधान में केन्द्र व राज्यों के शासन के बारे में प्रावधान थे लेकिन 1992 के वे व वे संविधान संशोधनों ग्राम पंचायतों व नगरपालिकाओं को भी संवैधानिक दर्जा प्रदान किया है । 11वीं अनुसूची में नगरपालिकाओं को 18 कार्य दिये गये हैं । इससे विदित होता है कि अब धरातल पर लोकतन्त्र को सुनिश्चित किया गया है ।
Answer:
Secularism
Parliamentary system of government
Federal system with a unitary bias
Fundamental rights and fundamental duties
Directive principles of state policy
Independent judiciary.
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