भारतीय संविधान की मुख्य विशेषताएं
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वर्तमान में, भारत का संविधान 465 अनुच्छेद जो 25 भागों और 12 अनुसूचियों में लिखित है। हालांकि, संविधान की कई विशेषताएं हैं जैसे धर्मनिरपेक्ष राज्य, संघवाद, संसदीय सरकार इत्यादि । ... भारत का संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था जिसमें 395 अनुच्छेद, 8 अनुसूचि और 22 हिस्से थे। यह दुनिया का सबसे विस्तृत लिखित संविधान है।
i. उयोजनशीलताएं (Derivations):
संविधान-निर्मातागण अपने देश की आवश्यकताओं लोगों की आकांक्षाओं तथा समकालीन परिस्थितियों से अवगत थे । अत: उन्होंने अन्य देशों के संविधानों की उन व्यवस्थाओं व संस्थाओं को लिया जो अपने देश के लिए उपयुक्त व उपयोगी हो सकती थीं ।
ii. निर्मित व लिखित संविधान:
संसदीय शासन प्रणाली:
भारत में संसदीय शासन प्रणाली है । इसलिए राष्ट्रपति को राज्याध्यक्ष बनाया गया है, जिसकी सत्ता नाममात्र की है । वास्तविक सत्ता मन्त्रिपरिषद् के पास है, जिसका अध्यक्ष प्रधानमन्त्री है, जो सामूहिक रूप से लोकसभा के प्रति उत्तरदायी है ।
हमारा संविधान लम्बे विकास की देन नहीं है, जैसा हम ब्रिटिश संविधान के बारे में देखते हैं । संविधान सभा ने इसे बनाया है, जिसमें कुल 389 सदस्य थे, किन्तु देश के विभाजन के बाद उनकी संख्या घट गयी थी ।
iii. प्रभुतासम्पन्न,
समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतान्त्रिक गणतन्त्र:
इसने भारत को प्रभुतासम्पन्न राज्य बना दिया । अब भारत किसी विदेशी सत्ता के अधीन नहीं है । इसने लोकतान्त्रिक समाजवाद को मान्यता दी है, जिसका रूप इंग्लैण्ड के फेबियनवाद से मिलता-जुलता है । भारत में अनेक धर्म व मत हैं, अत: सभी को समान महत्त्व दिया गया है ।
iv. संसदीय शासन प्रणाली:
भारत में संसदीय शासन प्रणाली है । इसलिए राष्ट्रपति को राज्याध्यक्ष बनाया गया है, जिसकी सत्ता नाममात्र की है । वास्तविक सत्ता मन्त्रिपरिषद् के पास है, जिसका अध्यक्ष प्रधानमन्त्री है, जो सामूहिक रूप से लोकसभा के प्रति उत्तरदायी है ।