भारतीय संविधान में मौलिक अधिकारों का वर्णन कीजिए मौलिक अधिकार और नीति निर्देशक सिद्धांतों में अंतर का परीक्षण कीजिए
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Answer:
मौलिक अधिकारों का वर्णन संविधान के भाग-3 में (अनुच्छेद 12 से अनुच्छेद 35) है.
मौलिक अधिकार वह है, जो राज्य के लिखित संविधान द्वारा सुरक्षित व कार्यान्वित होता है । इसे निर्धारित संशोधन विधि द्वारा बदला जा सकता है, इसे किसी निर्धारित प्रक्रिया के अलावा किसी अन्य तरीके से घटाया या निलम्बित नहीं किया जा सकता तथा राज्य का कोई अंग इन अधिकारों का उल्लंघन नहीं कर सकता ।
Explanation:
मौलिक अधिकार और नीति निर्देशक सिद्धांतों में अंतर :-
1. मौलिक अधिकारों को न्यायालय का संरक्षण प्राप्त है. उनके अतिक्रमण पर नागरिक न्यायालय के पास प्रार्थना कर सकते हैं. लेकिन, नीति-निर्देशक तत्त्वों को न्यायालय का संरक्षण प्राप्त नहीं है, अतः नागरिक न्यायालय की शरण नहीं ले सकते हैं.
2. मौलिक अधिकार स्थगित या निलंबित किये जा साकते हैं, लेकिन नीति-निर्देशक तत्त्व नहीं.
3. मौलिक अधिकारों के अंतर्गत नागरिकों और राज्य के बीच के सम्बन्ध की विवेचना की गई है; लेकिन नीति-निर्देशक तत्त्वों में राज्यों के संबंध तथा उनकी अन्तर्राष्ट्रीय नीति की विवेचना है. इस तरह जहाँ मौलिक अधिकार का राष्ट्रीय महत्त्व होता है, वहाँ नीति-निर्देशक तत्त्वों का अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व हो जाता है.
4.मौलिक अधिकारों को पूरा करने के लिए राज्य को बाध्य किया जा सकता है, लेकिन नीति-निर्देशक तत्त्वों के लिए नहीं.