भारतीय संविधान नई नई चुनौतियों का समान सामना करने में समर्थ रहा है या किसकी प्रमाण है
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विधि कार्य विभाग
1. कृत्य और संगठन
1.1 भारत सरकार (कार्य आबंटन) नियम, 1961 के अनुसार इस विभाग को निम्नलिखित कार्य-मदों का आबंटन किया गया है:--
1. विधिक मामलों में मंत्रालयों/विभागों को सलाह देना, जिसके अंतर्गत संविधान और विधियों का निर्वचन, हस्तांतरण-लेखन और उच्च न्यायालयों तथा अधीनस्थ न्यायालयों में उन मामलों में, जिनमें भारत संघ एक पक्षकार है, भारत संघ की ओर से उपसंजात होने के लिए काउंसेल नियोजित करना।
2. भारत के महान्यायवादी, भारत के महासालिसिटर और राज्यों की बाबत केन्द्रीय सरकार के अन्य विधि अधिकारी, जिनकी सेवाओं का उपयोग भारत सरकार के मंत्रालयों द्वारा समान रूप से किया जाता है।
3. केन्द्रीय सरकार की ओर से और केन्द्रीय अभिकरण स्कीम में भाग लेने वाली राज्य सरकारों की ओर से उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों में मामलों का संचालन करना।
4. सिविल वादों में समनों की तामील, सिविल न्यायालयों की डिक्री के निष्पादन, भरण-पोषण के आदेशों के प्रवर्तन और भारत में मृत विदेशी व्यक्तियों की संपदाओं के प्रशासन के लिए विदेशों के साथ पारस्परिक प्रबंध।
5. भारत के संविधान के अनुच्छेद 299(1) के अधीन राष्ट्रपति की ओर से संविदाओं और संपत्ति के हस्तांतरण-पत्रों के निष्पादन के लिए अधिकारियों को प्राधिकृत करना तथा केन्द्रीय सरकार द्वारा या उसके विरूद्ध किए गए वादों में वाद-पत्रों या लिखित कथनों पर हस्ताक्षर करने और उन्हें सत्यापित करने के लिए अधिकारियों को प्राधिकृत करना।
6. भारतीय विधि सेवा।
7. सिविल विधि के मामलों में विदेशों के साथ संधि और करार करना।
8. विधि आयोग।
9. अधिवक्ता अधिनियम, 1961 (1961 का 25) सहित विधि व्यवसाय और उच्च न्यायालयों के समक्ष विधि व्यवसाय करने के हकदार व्यक्ति।
10. उच्चतम न्यायालय की अधिकारिता को बढ़ाना और उसे और अधिक शक्तियां प्रदान करना; उच्चतम न्यायालय के समक्ष विधि व्यवसाय करने के हकदार व्यक्ति; भारत के संविधान के अनुच्छेद 143 के अधीन उच्चतम न्यायालय को निर्देश।
11. नोटरी अधिनियम, 1952 (1952 का 53) का प्रशासन।
12. आयकर अपीलीय अधिकरण।
विभाग को निम्नलिखित अधिनियमों के प्रशासन का कार्य भी आबंटित किया गया है:-
(क) अधिवक्ता अधिनियम, 1961
(ख) नोटरी अधिनियम, 1952
(ग) अधिवक्ता कल्याण निधि अधिनियम, 2001;
इसके अतिरिक्त, विभाग द्वारा वाणिज्यिक न्यायालय अधिनियम, 2015 और नई दिल्ली अंतरराष्ट्रीय माध्यस्थम केंद्र, 2019 को भी प्रशासित किया जा रहा है।
1.2. यह विभाग आयकर अपीलीय अधिकरण और भारत के विधि आयोग का प्रशासनिक प्रभारी भी है। यह विभाग भारतीय विधि सेवा से संबंधित सभी विषयों से भी प्रशासनिक रूप से संबद्ध है। इसके अतिरिक्त, यह विधि अधिकारियों अर्थात भारत के महान्यायवादी, भारत के महासालिसिटर और भारत के अपर महासालिसिटरों की नियुक्तियों से भी संबद्ध है। विधि के क्षेत्र में अध्ययन और शोध को बढ़ावा देने और विधि व्यवसाय में सुधार करने के लिए यह विभाग इन क्षेत्रों से जुड़े संगठनों जैसे कि भारतीय विधि संस्थान और भारतीय बार काउंसिल को सहायता अनुदान देता है।
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