Hindi, asked by ekkatarsheela, 5 months ago

भारतीय समाज में अंधविश्वास पर अनुच्छेद​

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Answered by mauryavijay8088
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Explanation:

अंधविश्वास की शिकार मुख्य रूप से महिलाएँ पाई जाती है। अंधविश्वास के नुकसान- अंधविश्वास से मनुष्य को जान माल और इज्जत की हानि होती है। व्यक्ति इतना ज्यादा अंधविश्वासी हो चुका होता है कि वह हर काम पाखंडी बाबा के कहने के अनुसार करता है जिससे ये तांत्रिक उनसे मोटी रकम वसुलते है और कई बार बच्चों की बली भी देते हैं।

Answered by cuttest
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अन्धविश्वास बहुत ही बुरी चीज होती है क्योंकि इसकी जड़ें अज्ञानता में फैली होती हैं। यह हमारे भय, निराशा, असहायता व ज्ञान की कमी को दर्शाता है। यह बहुत ही दुखद है की बहुत से पढ़े-लिखे लोग भी अंधविश्वासों में जकड़े होते हैं। इस ज्ञान और विज्ञान के युग में यह हमारी बौद्धिक निर्धनता को दिखाता है। यह बहुत ही मूर्खतापूर्ण है की जब इंसान किसी बात को समझ नहीं पाता है तो वह उस चीज के लिए अंधविश्वासी हो जाता है। हम इन्हें दैवीय कारण समझकर डरने लगते हैं। बहुत से अंधविश्वास बहुत ही हास्यास्पद बन जाते हैं, जैसे कि 13 नंबर को अशुभ माना जाता है या कोई छींक दे तो यात्रा के लिए मत जाओ। इसी प्रकार बिल्ली के रास्ता काटने से माना जाता है की कुछ बुरा होने वाला है। उल्लू की आवाज़ या भेड़िये की आवाज़ सुनकर अनहोनी की आशंका करना, यह सब अंधविश्वास के कारण हैं। इससे यह पता चलता है की हम मानसिक स्तर पर आज भी आदिम युग में ही जी रहे हैं। कई जगहों पर तो यह भी माना जाता है की अगर घोड़े की नाल को घर के दरवाजों पर लगा दिया जाए तो वह सौभाग्य का प्रतीक होता है। इन सभी अंधविश्वासों को मानना वास्तव में हास्यास्पद है।

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