भारतीय समाज में जाति के गुण दोष
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जाति-व्यवस्था के दोष श्रम की गतिशीलता पर प्रतिबंध – चूंकि व्यक्ति को अपनी जातीय व्यवसाय को ही करना पड़ता है, जिसे वह अपनी इच्छा अथवा अनिच्छा के अनुसार बदल नहीं सकता, अतएव इसने श्रम की गतिशीलता को रोका है। इससे गतिहीनता उत्पन्न हुई है। अस्पृश्यता – इसने अस्पृश्यता को जन्म दिया है।
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जाति-व्यवस्था के दोष श्रम की गतिशीलता पर प्रतिबंध – चूंकि व्यक्ति को अपनी जातीय व्यवसाय को ही करना पड़ता है, जिसे वह अपनी इच्छा अथवा अनिच्छा के अनुसार बदल नहीं सकता, अतएव इसने श्रम की गतिशीलता को रोका है। इससे गतिहीनता उत्पन्न हुई है। अस्पृश्यता – इसने अस्पृश्यता को जन्म दिया है।
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