भारतीय समाज में जनांकिकी तत्व की विवेचना कीजिए
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जनांकिकी जनसंख्या के आकार, क्षेत्रीय वितरण तथा संरचना, उसमें होने वाले परिवर्तनों तथा इन परिवर्तनों के तत्वों, जो जन्म-दर, मृत्यु-दर, क्षेत्रीय गतिशीलता और सामाजिक गतिशीलता (स्थिति में परिवर्तन) के रूप में हो सकते हैं, का अध्ययन करता है।”
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Explanation:
डंकन के शब्दों में- “जनांकिकी जनसंख्या के आकार, क्षेत्रीय वितरण तथा संरचना, उसमें होने वाले परिवर्तनों तथा इन परिवर्तनों के तत्वों, जो जन्म-दर, मृत्यु-दर, क्षेत्रीय गतिशीलता और सामाजिक गतिशीलता (स्थिति में परिवर्तन) के रूप में हो सकते हैं, का अध्ययन करता है।
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