भारतीय समाज पर उपनिवेशवाद का कैसा प्रभाव देखा गया
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किसी एक भौगोलिक क्षेत्र के लोगों द्वारा किसी दूसरे भौगोलिक क्षेत्र में उपनिवेश (कॉलोनी) स्थापित करना और यह मान्यता रखना कि यह एक अच्छा काम है, उपनिवेशवाद (Colonialism) कहलाता है।
iske prabhaav...
भारत में प्रारंभिक आक्रमणकारियों और ब्रिटिश साम्राज्यवादियों में मुख्य अंतर यह था कि अंग्रेजों के अतिरिक्त किसी अन्य प्रारंभिक आक्रमणकारी ने न ही भारतीय अर्थव्यवस्था की संरचना में परिवर्तन किया और न ही धन की निरंतर निकासी का सिद्धांत अपनाया। भारत में ब्रिटिश शासन के फलस्वरूप भारतीय अर्थव्यवस्था, उपनिवेशी अर्थव्यवस्था में रूपांतरित हो गयी तथा भारतीय अर्थव्यवस्था की सभी नीतियां एवं कार्यक्रम उपनिवेशी हितों के अनुरूप बनने लगे।
भारतीय अर्थव्यवस्था पर ब्रिटिश शासन के विस्तृत प्रभावों का वर्णन निम्नानुसार है-
*अनौद्योगीकरण- भारतीय हस्तशिल्प का ह्रास
#भारत एक सम्पूर्ण निर्यातक देश से सम्पूर्ण आयातक देश बन गया।
*कृषकों की बढ़ती हुयी दरिद्रता
*कृषि में स्थिरता एवं उसकी बर्बादी
*भारतीय कृषि का वाणिज्यीकरण
*आधुनिक उद्योगों का विकास
*राष्ट्रीय बुर्जुआ वर्ग का उदय
*आर्थिक निकास
*अकाल एवं गरीबी
*औपनिवेशिक अर्थव्यवस्था की राष्ट्रवादी आलोचना
19वीं शताब्दी के अंत तक राष्ट्रवादियों ने यह मांग प्रारंभ कर दी थी कि उन्हें राजनीतिक शक्तियों में हिस्सेदारी तथा कुछ अन्य अधिकार दिये जायें। 20वीं शताब्दी के प्रथम दशक में उन्होंने इंग्लैण्ड या अन्य राष्ट्रों की तरह स्वशासन की मांग कर दी। इन राष्ट्रवादियों में दादाभाई नौरोजी ....
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