Economy, asked by pawankumar7161, 1 year ago

भारतीय शिक्षा क्षेत्र की उपलब्धियों और कमजोरियों की चर्चा कीजिए​

Answers

Answered by shishir303
7

भारतीय शिक्षा क्षेत्र की उपलब्धियां निम्नलिखित हैं

शिक्षा में समानता- राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत शिक्षा के क्षेत्र में पूरी तरह समानता लाने का प्रयत्न किया जा रहा है। समाज के हर वर्ग को शिक्षा मिले और  समाज का कोई भी वर्ग शिक्षा से वंचित ना हो, इसके लिये पूरा प्रयास किया जाता है। इसके लिए निःशुल्क पाठ्य पुस्तकें, निशुल्क पोशाकें तथा  छात्रवृत्ति के माध्यम सेअधिक से अधिक लोगों को शिक्षा पाने के प्रेरित किया जाता है और जो निर्धन छात्र-छात्रायें  हैं जिनके मां-बाप उनकी शिक्षा का भार नहीं उठा सकते हैं वो भी शिक्षा ग्रहण कर सकें और शिक्षा से वंचित न हों।  

लैंगिक आधार पर  भेदभाव को समाप्त करने की नीति अपनायी जाती है ताकि लड़का हो या लड़की सब को समान रूप से शिक्षा प्राप्त हो। महिला सशक्तिकरण की दिशा में लड़कियों को अधिक से अधिक शिक्षा देने के लिए उनके उत्थान हेतु अनेक योजनाएं चलाई गई हैं जिससे कि वह भी पुरुषों की बातें समान रूप से शिक्षा पा सके।

समान शैक्षिक संरचना- पहले प्राथमिक शिक्षा का स्तर दो स्तरीय था बाद में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत  8 वर्षीय प्राथमिक शिक्षा स्तर का निर्माण किया गया जिसमें कक्षा एक से पांचवीं तक प्राथमिक शिक्षा एवं कक्षा छठी से आठवीं तक उच्च प्राथमिक शिक्षा स्तर बना। उसके उपरांत माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षा का स्तर बना जो कि क्रमशः नौवीं से दसवीं (माध्यमिक) एवम् ग्याहरवी से बारहवीं (उच्च माध्यमिक) है।  

राष्ट्रीय पाठ्यक्रम रूपरेखा का विकास- इस नीति के अनुसार ऐसे राष्ट्रीय पाठ्यक्रम की रूपरेखा की आवश्यकता है पर जोर दिया गया जिससे कि शिक्षार्थियों को राष्ट्रीय पहचान, राष्ट्र की संस्कृति का ज्ञान और उनके कौशल व  विकास को अधिक बढ़ावा मिल सके।  शिक्षा अधिक से अधिक व्यावहारिक व रोजगारपरक हो।

सतत एवं व्यापक मूल्यांकन- यह सुझाव दिया गया कि मूल्यांकन के अंतर्गत जहां एक और पाठ्य चर्चा को व्यापक रूप से सम्मान सम्मिलित किया जाए जाना चाहिए वहीं दूसरी ओर  शिक्षकों का पूरा ध्यान रखा जाना चाहिए उन्हें शिक्षा के व्यापक मूल्यांकन का भाग बनाना चाहिए।

शिक्षा संबंधी सुविधाएं -  राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अन्तर्गत कि गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करने के लिए उपयुक्त व उचित सुविधाएं प्रदान की जाए इसलिये ऑपरेशन ब्लैकबोर्ड की योजना लागू की गई थी।  

जिसके अन्तर्गत अध्यापक को अध्यापन की सामग्री प्रदान की जाए। आठवीं पंचवर्षीय योजना में इस योजना को संशोधित किया गया और प्रावधान किया गया कि यदि किसी प्राथमिक विद्यालय में जहां पंजीयन 100 से अधिक हो जाए तो कम से कम 3 अध्यापकों का होना अनिवार्य होगा इस परियोजना का उद्देश्य विद्यालय वातावरण और सुविधाओं में सुधार लाना था और यह तभी संभव है जबकि सभी प्राथमिक विद्यालय में न्यूनतम अनिवार्य सुविधाएं प्रदान की जाए।

विद्यालय समुदाय भागीदारी- शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने की दृष्टि से इस पर बल दिया गया कि विद्यालय और समुदाय दायित्वों का निर्वाहन में भागीदारी बने ताकि सामग्री स्वयंसेवी संस्थाओं से प्राप्त मानव संसाधनों का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित किया जा सके।

भारतीय शिक्षा क्षेत्र की कमजोरियां-

पूरे देश में शिक्षा में अनुपात में विषमता देखने को मिलती हैं । कुछ राज्यों में यह बहुत ज्यादा है तो कुछ राज्य में बहुत कम है।

लैंगिक आधार पर भी अनुपात में बहुत अंतर है। लड़कों और लड़कियों के मध्य आज भी शिक्षा में समानता नहीं आ पाई है। भारत के कई क्षेत्रों में लड़कियां आज भी शिक्षा के क्षेत्र में पीछे है अर्थात वो शिक्षा से वंचित हैं।

नगरीय क्षेत्रों की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा की प्रतिशतता काफी कम है अर्थात ग्रामीण क्षेत्र में आज भी शिक्षा के प्रति जागरूकता की कमी है।

समाज के सुविधाहीन वर्ग, निर्धन वर्ग, अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य कमजोर वर्ग आज भी सरकार द्वारा प्रदान की गई शैक्षणिक योजनाओं व सुविधाओं का पूर्ण रूप से लाभ नहीं उठा पा रहे हैं।

Similar questions