Political Science, asked by shrishtitomar3809, 15 hours ago

भारतीय दलीय व्यवस्था की महत्वपूर्ण विशेषताएँ क्या हैं?

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Answered by PktheRock001
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Explanation:

भारत में दलीय व्यवस्था- वर्तमान युग लोकतन्त्र का युग है। लोकतन्त्र के लिए दल अनिवार्य है। दोनों अभिन्न है। राजनीतिक दलों के बिना लोकतन्त्रात्मक सरकार नही चल सकती और लोकतन्त्र के बिना राजनीतिक दलों का विकास नहीं हो सकता। भारत विश्व में सबसे बड़ा लोकतन्त्रात्मक देश है अतः भारत में दलीय व्यवस्था भी है परन्तु यहाँ पर राजनीतिक दलों का विकास उस प्रकार नहीं हुआ जैसा कि पश्चिम के लोकतान्त्रिक देशों में हुआ।

भारत में दलीय व्यवस्था की अपनी विशेषताएँ हैं जिनमें मुख्य है:-

(1) बहुउद्देशय पद्धति,

(2) एक दल की प्रधानता का युग,

(3) एक दल की प्रधानता के युग का अन्त,

(4) प्रभावशाली विरोधी दल का उदय,

(5) साम्प्रदायिक दलों का होना,

(6) प्रादेशिक दलों का होना,

(7) राजनीतिक दलों के दृढ़ सिद्धान्त नहीं,

(8)राजनीतिक दलों में लोकतन्त्र का अभाव,

(9) दल-बदल,

(10) विक्षुब्ध गुट,

(11) कार्यक्रम की अपेक्षा नेतृत्व को प्रमुखता,

(12) अनुशासन का अभाव,

(13) राजनीतिक दलों द्वारा सिद्धान्तहीन समझौते।

अतः इस प्रकार भारतीय दलीय प्रणाली की विशेषता एवं स्वरूप से स्पष्ट है कि इसमें बहुत से महत्वपूर्ण गुणों की कमी है जो संसदीय शासन प्रणाली की सफलता के लिए घातक सिद्ध हो रही है। प्रायः सभी राजनीतिक दलों ने सत्ता प्राप्त करते ही या अवसर मिलते ही स्वार्थ लिप्सा को सर्वोपरि महत्व दिया है।

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