Sociology, asked by sumeetkulkarni6330, 1 year ago

भारतीय धर्मनिरपेक्षता का जोर धर्म और राज्य के अलगाव पर नहीं वरन् उससे अधिक किन्ही बातों पर है। इस कथन को समझाइये।

Answers

Answered by nikitasingh79
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Answer with Explanation:

भारतीय धर्मनिरपेक्षता का ज़ोर धर्म और राज्य के अलगाव पर नहीं वरन् यह राज्य द्वारा समर्थित धार्मिक सुधारों का समर्थन करती है। भारतीय धर्मनिरपेक्षता विभिन्न समुदायों के बीच समानता की बात करती है। यह अल्पसंख्यकों के अधिकारों की समर्थक है। भारतीय धर्मनिरपेक्षता के अनुसार राज्य को व्यक्ति और धार्मिक समुदायों दोनों के अधिकारों का संरक्षण करना चाहिए।

आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।।

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क्या आप जानते हैं कि एक शांतिपूर्ण दुनिया की ओर बदलाव के लिए लोगों के सोचने के तरीके में बदलाव जरूरी है? क्या मस्तिष्क शांति को बढ़ावा दे सकता है? और, क्या मानव मस्तिष्क पर केंद्रित रहना शांति स्थापना के लिए पर्याप्त है?  

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धर्म निरपेक्षता से आप क्या समझते हैं? क्या इसकी बराबरी धार्मिक सहनशीलता से की जा सकती है।

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