भारतीय धर्मनिरपेक्षता का जोर धर्म और राज्य के अलगाव पर नहीं वरन् उससे अधिक किन्ही बातों पर है। इस कथन को समझाइये।
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Answer with Explanation:
भारतीय धर्मनिरपेक्षता का ज़ोर धर्म और राज्य के अलगाव पर नहीं वरन् यह राज्य द्वारा समर्थित धार्मिक सुधारों का समर्थन करती है। भारतीय धर्मनिरपेक्षता विभिन्न समुदायों के बीच समानता की बात करती है। यह अल्पसंख्यकों के अधिकारों की समर्थक है। भारतीय धर्मनिरपेक्षता के अनुसार राज्य को व्यक्ति और धार्मिक समुदायों दोनों के अधिकारों का संरक्षण करना चाहिए।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।।
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