Geography, asked by mahi12551, 3 days ago

भारतीय उपमहाद्वीप में मानसून कैसे आता है​

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Answered by tripathianita177
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Answer:

उच्च वायुदाब वाले सागर से हवा मानसून पवनों के रूप में जमीन की ओर बह चलती है। ... अरब सागर से आनेवाले मानसूनी पवन पश्चिमी घाट के ऊपर से बहकर दक्षिणी पठार की ओर बढ़ते हैं। बंगाल की खाड़ी से चलनेवाले पवन बंगाल से होकर भारतीय उपमहाद्वीप में घुसते हैं।भारत में मानसून की अवधि चार महीने यानी 1 जून से 30 सितम्बर तक मानी जाती है।भारत में मानसून हिन्द महासागर व अरब सागर की ओर से हिमालय की ओर आने वाली हवाओं पर निर्भर करता है। जब ये हवाएं भारत के दक्षिण पश्चिम तट पर पश्चिमी घाट से टकराती हैं तो भारत तथा आसपास के देशों में भारी वर्षा होती है। ये हवाएं दक्षिण एशिया में जून से सितंबर तक सक्रिय रहती हैं।

Answered by r27272278
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भारत की जलवायु के बारे में कहा गया है कि भारत में केवल तीन ही मौसम होते हैं, मानसून पूर्व के महीने, मानसून के महीने और मानसून के बाद के महीने। यद्यपि यह भारतीय जलवायु पर एक हास्योक्ति है, फिर भी भारत की जलवायु के मानसून पर पूर्णतः निर्भर होने को यह अच्छी तरह व्यक्त करता है।

मानसून अरबी भाषा का शब्द है। अरब सागर में बहने वाली मौसमी हवाओं के लिए अरब मल्लाह इस शब्द का प्रयोग करते थे। उन्होंने देखा कि ये हवाएं जून से सितंबर के गरमी के दिनों में दक्षिण-पश्चिम दिशा से और नवंबर से मार्च के सर्दी के दिनों में उत्तर-पूर्वी दिशा से बहती हैं।

एशिया और यूरोप का विशाल भूभाग, जिसका एक हिस्सा भारत भी है, ग्रीष्मकाल में गरम होने लगता है। इसके कारण उसके ऊपर की हवा गरम होकर उठने और बाहर की ओर बहने लगती है। पीछे रह जाता है कम वायुदाब वाला एक विशाल प्रदेश। यह प्रदेश अधिक वायुदाब वाले प्रदेशों से वायु को आकर्षित करता है। अधिक वायुदाब वाला एक बहुत बड़ा प्रदेश भारत को घेरने वाले महासागरों के ऊपर मौजूद रहता है क्योंकि सागर स्थल भागों जितना गरम नहीं होता है और इसिलए उसके ऊपर वायु का घनत्व अधिक रहता है। उच्च वायुदाब वाले सागर से हवा मानसून पवनों के रूप में जमीन की ओर बह चलती है। सागरों से निरंतर वाष्पीकरण होते रहने के करण यह हवा नमी से लदी हुई होती है। यही नमी भरी हवा ग्रीष्मकाल का दक्षिण-पश्चिमी मानसून कहलाती है।

भारतीय प्रायद्वीप की नोक, यानी कन्याकुमारी पर पहुंचकर यह हवा दो धाराओं में बंट जाती है। एक धारा अरब सागर की ओर बह चलती है और एक बंगाल की खाड़ी की ओर। अरब सागर से आनेवाले मानसूनी पवन पश्चिमी घाट के ऊपर से बहकर दक्षिणी पठार की ओर बढ़ते हैं। बंगाल की खाड़ी से चलनेवाले पवन बंगाल से होकर भारतीय उपमहाद्वीप में घुसते हैं।

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