भारतीय उदारवाद की दो धाराएं कौन सी हैं
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bhartiya Udardad ki do dharay kon si he
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1. भारतीय उदारवाद की पहली धारा राममोहन राय के साथ शुरू हुई। उन्होंने व्यक्तिगत अधिकारों, विशेषकर महिलाओं के अधिकारों पर जोर दिया।
2. दूसरी धारा में केसी सेन, न्यायमूर्ति रानाडे और स्वराय विवेकानंद जैसे विचारक शामिल थे। उन्होंने हिंदू धर्म के भीतर सामाजिक न्याय की भावना का परिचय दिया।
Explanation:
उदारीकरण सरकारी नियमों और स्थानीय व्यापारों और व्यवसायों के प्रतिबंधों को आसान बनाना है। उदारीकरण स्थानीय व्यवसायों को स्वतंत्र रूप से बढ़ने और अधिक लाभ की अनुमति देता है। भारतीय अर्थव्यवस्था पर उदारीकरण के प्रभाव नीचे दिए गए हैं। प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में वृद्धि। सार्वजनिक क्षेत्र के एकाधिकार को कम किया।
उदारीकरण सरकारी नियमों और स्थानीय व्यापारों और व्यवसायों के प्रतिबंधों को आसान बनाना है। उदारीकरण स्थानीय व्यवसायों को स्वतंत्र रूप से बढ़ने और अधिक लाभ की अनुमति देता है। भारतीय अर्थव्यवस्था पर उदारीकरण के प्रभाव नीचे दिए गए हैं।
- प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में वृद्धि।
- सार्वजनिक क्षेत्र के एकाधिकार को कम किया।
- रोजगार के अवसरों में वृद्धि।
- औद्योगिक उत्पादन की अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में वृद्धि। • ब्याज और शुल्कों की घटी हुई दरें।
- औद्योगिक अनुप्रयोगों में विदेशी प्रौद्योगिकी के उपयोग के कारण प्रौद्योगिकी में विकास
- देश के कर्ज के बोझ में कमी आई।
- विदेशी मुद्रा, प्रौद्योगिकी आदि के लिए अन्य देशों पर निर्भरता में वृद्धि।