भारतीय युवक - सेना में भर्ती - युद्ध में जाना - दुश्मन की तोपों का मुंह बंद करना आवश्यक - युवक का निश्चय - उसका आग उगलती तोपों तक पहुंच जाना - सफलता मिलना , किंतु वीरगति प्राप्त करना - मरणोपरात सम्मान - बोध - शीर्षका
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भारतीय सैनिक का बलिदान
उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले के मोहनपुर गांव में अतुल नाम का युवक रहता था। उसे बचपन से ही सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करने की इच्छा थी।
उसने तैयारी कि और सेना द्वारा आयोजित भर्ती प्रक्रिया में शामिल हुए और सेना में भर्ती हो गया। उसे जम्मू कश्मीर में पदस्थापित किया गया।
युवा होने के कारण उसमे साहस बहुत था। एक बार अचानक आतंकियों से युद्ध की स्थिति पैदा हो गई। अतुल अपनी टुकड़ी के साथ मोर्चे में शामिल था।
दोनों ओर से गोले दागे जा रहे थे। इसी बीच अतुल ने साहस का परिचय देते हुए आगे बढ़कर दुश्मन के तोप को उड़ाने का फैसला किया।
दुश्मनों की गोली के बावजूद उसने आगे बढ़ते हुए दुश्मन पर गोले दागे जिसके कारण उनके तोप तबाह हो गए। लेकिन सामने से आ रही एक गोली अतुल के सीने में लग गई।
गोली लगने के कारण अतुल शहीद हो गया। दुश्मनों को तो उसने तबाह कर दिया लेकिन उस अपनी बलिदानी देनी पड़ी।
उसके साहस के लिए सरकार द्वारा उसे मरणोपरांत वीर चक्र से सम्मानित किया गया। इससे यही बोध होता है कि भारतीय सैनिक अपने देश की रक्षा हेतु बलिदान देने से भी पीछे नहीं हटते हैं।
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The answer of this man is lenthy that's why why I didn't take interest to read it but I am sure on him so give your vote and make him PM I mean brainiest ☺️