भारतगान कविता में कवि ने किसकी बात की है?
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भारतगान कविता में कवि ने किसकी बात की है?
“भारत गान” कविता में कवि ‘रमाशंकर सिंह दिव्यदृष्टि’ ने भारत की महिमा का गुणगान किया है।
कवि ने इस कविता के माध्यम से यह बताया है कि हमारे संस्कृति वसुधैव कुटुंबकम अर्थात पूरे संसार को एक ही परिवार मानने की रही है। यही हमारा भारत देश है जहाँ दीन-हीन सभी सम्मान पाते हैं। हमारे भारत देश में ही एक ओर उत्तर में स्वर्ग के समान कश्मीर है और हिमालय जैसा सजग प्रहरी है तो दक्षिण में अठखेलियां करता हुआ विशाल समुद्र है। हमारा देश विभिन्न संस्कृतियों का मिश्रण है जो पूरी दुनिया में सबसे अलग सबसे निराला है। इस देश में गांधी, टैगोर, लोकमान्य तिलक, लाला लाजपत राय जैसे सपूत हुए हैं। हमारा देश चंद्रयान पर पहुंच कर अपने झंडे गाड़ रहा है और हमारे देश की इसरो जैसी संस्था नासा जैसी संस्थाओं से टक्कर ले रही है। हमारा देश ना केवल संस्कृति बल्कि ज्ञान विज्ञान के क्षेत्र में भी अग्रणी है।