भारतमाता ग्रामवासिनी
भारतमाता ग्रामवासिनी !
खेतों में फैला है श्यामल
धूल भरा मैला-सा आँचल
गंगा-यमुना में आँसू जल,
मिट्टी की प्रतिमा
उदासिनी!ka Arth nikalna hai
Answers
Answer:
एसका मतलब है कि, भारतमाता भारत के हर गाव गाव मे basi है खेतो मे श्यामल फेल है भारतमाता के आसू गंगा यमुना से बह राहे है
बाकी मित्ति की प्रतिमा उदास है उमे कोई भाव नाही है
हिंदी के प्रसिद्ध कवि ‘सुमित्रानंदन पंत’ रचित कविता “भारतमाता ग्रामवासिनी” भारत और भारतवासियों की के जीवन का वर्णन किया है |
इस कविता में कविता में भारत ने किसानों का वर्णन किया है | भारत के निवासी ग्राम में निवास करता है | उसे अपने ग्राम से बड़ा प्यार होता है | वह मिट्टी से बहुत प्यार करते है | ग्रामीण लोगों के पास चाहे वस्त्र न हो , चाहे उनके पास पेट भरने के पास खाने के पास कुछ न हो , वह अपना जीवन अपने खेतों में अपना पूरा जीवन व्यतीत करते है | वह अपनी मेहनत से पुरे देश को अन्न देते है|
जमींदार लोग इन लोगों का शोषण करते है | फिर भी वह अपने ग्राम और अपने खेतों से बेहद प्यार करते है | अपने परिवार का पालन-पोषण करते है |
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Could any one explain me the meaning of this poem--जय जन भारत जन मन अभिमत जय जन भारत जन मन अभिमत जन गण तंत्र विधाता जय गण तंत्र विधाता गौरव भाल हिमालय उज्ज्वल हृदय हार गंगा जल कटि विंध्याचल सिंधु चरण तल महिमा शाश्वत गाता जय जन भारत