Hindi, asked by shreya777777700, 2 months ago

भारतवर्ष सदा कानून को धर्म के रूप में देखता आ रहा है। वर्तमान में कानून
और धर्म में अंतर कर दिया गया है। धर्म को धोखा नहीं दिया जा सकता है,
धोखा दिया जा सकता है। यही कारण है कि लोग धर्म गुरु है। वे कानून की
त्रुटियों का लाभ उठाने में संकोच नहीं करते है। इस बात के पर्याप्त प्रमाण
खोजे जा सकते हैं कि समाज के ऊपरी वर्ग में चाहे जो भी होता रहे, भीतर-ही-
भीतर भारतवर्ष अब यह अनुभव कर रहा है कि धर्म कानून से बड़ी चीज है।
अब भी सेवा, सच्चाई, आध्यात्मिकता और ईमानदारी के मूल्य बने हुए हैं। वे
दब अवश्य गए हैं, लेकिन नष्ट नहीं हुए। आज भी वह मनुष्य से प्रेम करता है।
महिलाओं का सम्मान करता है। झूठ और चोरी को गलत समझता है। दूसरों
को पीड़ा पहुँचाना पाप समझता है। हर आदमी अपने व्यक्तिगत जीवन में इस
बात का अनुभव करता है।
1. उपरोक्त गद्यांश का एक उचित शीर्षक लिखिए।
2. धर्मभीरू लोग कानून के साथ कैसा व्यवहार करते हैं?
3. धर्मभीरू का क्या अर्थ है?
4. आज भी मनुष्य में क्या गुण है?​

Answers

Answered by jayshreey10
3

Answer:

भारतवर्ष सदा कानून को धर्म के रूप में देखता आ रहा है। वर्तमान में कानून

और धर्म में अंतर कर दिया गया है। धर्म को धोखा नहीं दिया जा सकता है,

धोखा दिया जा सकता है। यही कारण है कि लोग धर्म गुरु है। वे कानून की

त्रुटियों का लाभ उठाने में संकोच नहीं करते है। इस बात के पर्याप्त प्रमाण

खोजे जा सकते हैं कि समाज के ऊपरी वर्ग में चाहे जो भी होता रहे, भीतर-ही-

भीतर भारतवर्ष अब यह अनुभव कर रहा है कि धर्म कानून से बड़ी चीज है।

अब भी सेवा, सच्चाई, आध्यात्मिकता और ईमानदारी के मूल्य बने हुए हैं। वे

दब अवश्य गए हैं, लेकिन नष्ट नहीं हुए। आज भी वह मनुष्य से प्रेम करता है।

महिलाओं का सम्मान करता है। झूठ और चोरी को गलत समझता है। दूसरों

को पीड़ा पहुँचाना पाप समझता है। हर आदमी अपने व्यक्तिगत जीवन में इस

बात का अनुभव करता है।

1. उपरोक्त गद्यांश का एक उचित शीर्षक लिखिए।

2. धर्मभीरू लोग कानून के साथ कैसा व्यवहार करते हैं?

3. धर्मभीरू का क्या अर्थ है?

4. आज भी मनुष्य में क्या गुण है?

Answered by bijaydubey2019
7

Answer:

Here is your answer.

Explanation:

1.Ans- Dharm ka Mahatva.

2.Ans- Dharm virudh log kaanun k sath anuchit, durvyavhaar aur kaanun ki ninda ka vyavhar karte hai.

3.Ans- Dharm Guru ka arth hai jo hame dharm k marg pe chalne me sahayta kare.

4.Ans- Aaj bhi manushya me seva, sacchai, aadhyatmikta, imaandari tatha prem k gun hai.

Mark me Brainliest.

Tumhe tumhare parents ki kasam mujhe Brainliest mark karo

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